2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी, आज CM योगी जनजातियों को संगठन से जोड़ने का देंगे मंत्र

Lok Sabha Polls 2024: गोरखपुर में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर जारी है। तीन दिवसीय इस शिविर के अंतिम दिन मुख्यमंत्री योगी शामिल होंगे। सीएम योगी महत्वपूर्ण टिप्स देंगे।

Update: 2022-08-18 06:47 GMT

UP CM Yogi Adityanath (Image: Newstrack)

CM Yogi in Gorakhpur: आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (BJP) अभी से 'होमवर्क' में जुट गई है। इसी कोशिश में भारतीय जनता पार्टी संगठन के सभी मोर्चों को धारदार बनाने में जुटी है। इसी मकसद से गोरखपुर के संस्कृति पब्लिक स्कूल, रानीडीहा में मंगलवार से भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर जारी है। तीन दिवसीय इस शिविर के अंतिम दिन गुरुवार को यानी आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) भी शामिल होंगे।

इस दौरान सीएम योगी अपने मार्गदर्शक उद्बोधन से सभी जनजातियों को संगठन के पक्ष में लामबंद करने का मंत्र मोर्चा पदाधिकारियों को देंगे।

बीजेपी जमीनी स्तर पर तैयारियों में जुटी

हमेशा चुनावी मोड में रहने वाली बीजेपी एक चुनाव का परिणाम आने के बाद दूसरे चुनाव की तैयारियों में जुट जाती है। पार्टी के टारगेट पर अब वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव है। वर्ष 2014 और 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बनाने में उत्तर प्रदेश में पार्टी को मिली बंपर सफलता का बेहद महत्वपूर्ण योगदान है। 2024 में भी केंद्र की सत्ता का रास्ता यहीं से गुजरेगा। ऐसे में बीजेपी जमीनी स्तर पर तैयारियों में जुटी है।

हर वोटर तक पहुंच बनाने की कोशिश 

इसी सिलसिले में अलग-अलग मोर्चा व प्रकोष्ठों तक को हरेक वोटर तक पहुंच बनाने के लिए रणनीतिक रूप से तैयार किया जा रहा है। रणनीतिक तैयारियों के क्रम में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होने गुरुवार को गोरखपुर आ रहे हैं।

सीएम योगी के 'टिप्स' होंगे कारगर  

शिविर में सीएम योगी के व्यावहारिक टिप्स अनुसूचित जनजाति मोर्चा के लिए काफी कारगर होंगे। कारण, अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती दौर से ही सीएम योगी जनजातीय समाज के हितों को लेकर संवेदनशील रहे हैं। वनवासी और आदिवासी समाज के लिए सांसद के रूप में संघर्ष करने से लेकर, मुख्यमंत्री के रूप में उनके उत्थान की योजनाओं के क्रियान्वयन तक, वह जनजातीय समाज के लोगों की अपेक्षाएं, उनका मर्म समझते हैं। ऐसे में व्यावहारिकता के धरातल पर उनके सुझाव जनजातियों को भाजपा के पक्ष में पूरी तरह लामबंद करने में काफी मददगार होंगे।

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