हाईकोर्ट ने योगी सरकार से मांगा बच्चों की मौत पर कार्यवाही का ब्यौरा

Update:2017-08-23 20:06 IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को गोरखपुर में बच्चों की मौत के बावत मुख्य सचिव की रिपेार्ट पर की गयी कार्यवाही का ब्यौरा पेश करने के लिए पांच दिन का समय दिया है। न्यायालय ने इस संबंध में दाखिल जनहित याचिका पर अग्रिम सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तिथि नियत की है।

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जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस डीएस त्रिपाठी की बेंच ने यह आदेश दिलीप कुमार वर्मा की जनहित याचिका पर पारित किया। याची के अधिवक्ता डा. वीके सिंह के अनुसार याचिका में बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में हुए हादसे के साथ ही केजीएमयू में आग लगने व अन्य सरकारी अस्पतालों में हुए इस प्रकार के हादसों का मामला उठाया गया है और साथ ही इनकी सीबीआई अथवा न्यायिक जांच कराए जाने की प्रार्थना की गई है। याचिका में अस्पतालों में व्याप्त कमीशनखोरी और उपकरणों की खरीद में गड़बड़ी का मामला भी उठाया गया है।

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याचिका पर बुधवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे के संबंध में मुख्य सचिव के अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गयी थी जिस पर उनकी रिपोर्ट आ गई है। कहा गया कि इस रिपोर्ट पर सरकार विचार कर रही है। जल्द ही इस सम्बंध में सरकार निर्णय लेगी। सरकार की ओर से न्यायालय को निर्णय से अवगत कराने व रिपोर्ट पेश करने के लिए पांच दिनों का समय मांगा जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया।

इसके साथ ही हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने संस्कृति विभाग, भारत सरकार और राज्य सरकार से शाहनजफ इमामबाड़े के पास हो रहे अतिक्रमण पर जवाब मांगा है।

कोर्ट ने जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है, मामले की अग्रिम सुनवाई 11 सितम्बर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति डीएस त्रिपाठी की बेंच ने राज बानो की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया।

याचिका में कहा गया है कि राणा प्रताप मार्ग स्थित शाहनजफ इमामबाड़ा प्राचीन स्मारक व पुरातत्व स्थल व अवशेष अधिनियम के तहत आता है। इमामबाड़े के चारो ओर अतिक्रमण हो रहा है जिस पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। न्यायालय ने याचिका पर दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

एलपीजी के टेम्पर एविडेंट सील से हाईकोर्ट संतुष्ट

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एलपीजी सिलेंडरों के टेम्पर एविडेंट सील को सही व सुरक्षित मानते हुए, इस सम्बंध में दाखिल जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया। यह आदेश जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस डीएस त्रिपाठी की बेंच ने जगेश्वरी प्रसाद माथुर की जनहित याचिका पर पारित किया। याचिका में एलपीजी सिलिंडरों पर टेम्पर एविडेंट सील के बजाय टेम्पर प्रूफ सील का प्रयोग किए जाने की मांग की गई थी

कोर्ट के पिछले आदेश के अनुपालन में सील लगे सिलेंडर प्रस्तुत किए गए। कोर्ट में ही एलपीजी एक्युपमेंट रिसर्च सेंटर के डीजीएम डॉ. ए कृष्णा ने दिखाया कि इन सीलों के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ करने के बाद सीलों का प्रयोग नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं को हमेशा सावधान किया जाता है कि जिन एलपीजी सिलेंडरों के साथ छेड़छाड़ हुई हो, उन्हें वे स्वीकार न करें। जिस से न्यायालय ने संतुष्टि जताते हुए, याचिका को निस्तारित कर दिया।

 

 

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