धंस गया पुल: जान हथेली पर रखकर गुजर तो रहे थे ग्रामीण
लाखों रुपये की लागत से बना पुल अचानक धंस गया। ऐसी स्थिति में दर्जनों गांवों के लोग प्रभावित हुये हैं और उनका आवागमन पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है। सगड़ी तहसील क्षेत्र के हरैया
सगड़ी: लाखों रुपये की लागत से बना पुल अचानक धंस गया। ऐसी स्थिति में दर्जनों गांवों के लोग प्रभावित हुये हैं और उनका आवागमन पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है। सगड़ी तहसील क्षेत्र के हरैया ब्लाक के रौनापार थाना क्षेत्र में महुला गढवल बांध के बेलहीया डाले से उत्तरी तरफ जाने वाले रास्ते पर वर्ष 2004 में लाखों की लागत से बना पुल का दक्षिणी हिस्सा सोमवार की रात्रि में पूरी तरह धंस जाने से दर्जनों गांवो का आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है।
लगभग चार दर्जन गांवों का सम्पर्क मार्ग पूरी तरह से बाधित होने से लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ के समय ही पुल का आधा भाग पानी के दबाव से धंस गया था जिससे अफरा-तफरी मच गयी थी। पूर्व में दर्जनों बार ग्रामीणों ने पुल की मरम्मत की मांग शासन-प्रशासन से किया गया मगर मरम्मत नहीं कराया गया जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। बाढ़ के समय सपा सरकार के मंत्रियों ने पुल के मरम्मत का आश्वासन भी दिया पर बाढ़ समाप्त होने के बाद किसी ने ध्यान नही दिया जिससे जर्जर हो चुके पुल से जान हथेली पर रखकर ग्रामीण पुल से गुजर तो रहे थे पर जान जाने का खतरा बना रहता था।
पुल टूट जाने से माधोकापुरा, वेलहीया, झनझनपुर, अराजी अजगरा मगर्वी, अचलनगर, श्रीनगर, गरीब दूबे, कर्ताराम, रामसरन दुबे, झगरहवा, इस्माईलपुर, अभ्भनुट्टी, महाजी सोनौरा आदि गांवों की लगभग 25 हजार आबादी का सम्पर्क मार्ग बाधित हो गया है। क्षेत्र के राजमन यादव प्रधान, शिवसागर यादव जिलापंचायत सदस्य , राजू यादव, महेश यादव प्रधान, विनोद राम, महेन्द्र, अवधेश, सुनील, धर्मेन्द्र, कोमल, शंखलाल, अशोक, तिलकधारी, गिरजा आदि ने बताया की चार वर्ष पूर्व से पुल का अगला हिस्सा धसने लगा था। जिसकी जानकारी लिखित एवं मौखिक रूप से कर्ई बार जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी एवं शासन को दी परन्तु अधिकारियों व शासन-प्रशासन की लापरवाही से यह बड़ा हादसा हुआ और पुल का एक हिस्सा पूरी तरह धंस गया। यदि दिन में पुल टूटता तो एक बड़ा हादसा हो सकता था फिर अधिकारियों के पास कोई जबाब नहीं होता। ग्रामीणों ने नया पुल बनाने की मांग की है।