मोदी के विकास के साथ कैसे मिलाएंगे हाथ, आठ महीने से नहीं बन सका CM आवास के पास का पुल
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत से बनी योगी सरकार के बारे में कहा जाता है कि वह केंद्र की मोदी सरकार के विकास मॉडल को अपना रही है। तेजी दिखाने में भी वह केंद्र से किसी तरह उन्नीस नहीं दिखना चाहती। पर, मुख्यमंत्री आवास से महज कुछ सौ मीटर की दूरी पर आठ महीने से बन रहा पुल कुछ और ही कहानी कह रहा है।
5 महीने से बंद है आवागमन
दरअसल, नदी के दोनों तरफ सड़क बनाने के लिए गोमती बैराज के नीचे अंडरपास का निर्माण सिंचाई विभाग ने दिसंबर 2016 में शुरू किया था। आठ ही दिन की खोदाई के बाद 8 दिसंबर को बैराज पर बना बाढ़ कंट्रोल रूम ढह गया था। तब से पुल के ऊपर से ट्रैफिक बंद है। पुल का एक हिस्सा ढहने के बाद सिंचाई विभाग ने एक महीने में मरम्मत करवा कर वाहनों का संचालन शुरू करवाने का दावा किया था, लेकिन 5 महीने बीतने के बाद भी ट्रैफिक शुरू नहीं हो पाया है। पुल के दोनों छोर पर खोदाई हो चुकी है, लेकिन अंडरपास निर्माण ठप है।
मियाद पूरा होने में महज 10 दिन शेष
इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका भी दी गई है। हाईकोर्ट की पुल पूरा करने की मियाद में महज 10 दिन बचे हैं और इसके हालात देखकर नहीं लग रहा, कि यह काम अगले कई हफ्तों में पूरा भी हो सकेगा।
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क्यों हो रही देरी?
रिवर फ्रंट प्रॉजेक्ट की जांच शुरू होने के साथ गोमती बैराज पुल का काम बंद हो गया है। प्रॉजेक्ट की न्यायिक जांच आगे बढ़ने के बाद अचानक बंद हुए कामों से कई सवाल खड़े हो गए हैं। उधर, प्रॉजेक्ट से जुड़े जिम्मेदार इंजीनियरों का कहना है कि बालू और मौरंग की सप्लाई बंद होने के कारण काम बंद हो गया था पर अब काम फिर से शुरू हो गया है।
1090 चौराहे पर लग रहा जाम
गोमती बैराज पुल बंद होने से जाम की समस्या बनी हुई है। हजरतगंज से गोमती नगर जाने वाले और गोमती नगर से सिस गोमती क्षेत्र में आने वाले लोगों को 1090 चौराहे का चक्कर काटना पड़ रहा है। इस कारण यहां रोज जाम लग रहा है।
कैसे होगा मोदी की गति से विकास
सवाल यह भी है कि क्या इस गति से यूपी सरकार विकास करेगी? और क्या उत्तर प्रदेश सरकार यह विकास की गति पीएम नरेंद्र मोदी की विकास की गति से कदमताल मिला सकेगी। राजधानी में मुख्यमंत्री आवास के पास ही बने पुल को बनने में इतनी देर लग रही है तो बाकी प्रोजेक्ट की गति का कयास लगाया जाय तो गलत ही क्या है।