Rahul Gandhi Disqualified: राहुल गांधी के मामले पर मायावती ने तोड़ी चुप्पी, उठाये ये सवाल
Rahul Gandhi Disqualified: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने के बाद बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों मायावती ने चुप्पी तोड़ी हैं। बसपा सुप्रीमो ने इसके लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों को जिम्मेदार ठहराया हैं।
Rahul Gandhi Disqualified: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने के बाद बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों मायावती ने चुप्पी तोड़ी हैं। बसपा सुप्रीमो ने इसके लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों को जिम्मेदार ठहराया हैं। मायावती ने एक के एक करके तीन ट्वीट करते हुए कई सवाल उठाये हैं।
मायावती ने लिखा कि पहले कांग्रेस व अब BJP सरकार द्वारा हर स्तर पर अधिकांश मामलों में घोर स्वार्थ की राजनीति करने के कारण ही ग़रीबी, बेरोज़गारी व पिछड़ेपन आदि की गंभीर समस्याओं को दूर करने की व्यापक जनहित, जन कल्याण व देश हित के ज़रूरी काम पर पूरा पूरा ध्यान नहीं देना अति दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण।
1. पहले कांग्रेस व अब BJP सरकार द्वारा हर स्तर पर अधिकांश मामलों में घोर स्वार्थ की राजनीति करने के कारण ही ग़रीबी, बेरोज़गारी व पिछड़ेपन आदि की गंभीर समस्याओं को दूर करने की व्यापक जनहित, जन कल्याण व देश हित के ज़रूरी काम पर पूरा पूरा ध्यान नहीं देना अति दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण।
— Mayawati (@Mayawati) March 25, 2023Also Read
वहीं दूसरे ट्वीट में मायावती ने लिखा कि इसी संदर्भ में कांग्रेस पार्टी को यह ज़रूर सोचना चाहिए कि सन 1975 में जो कुछ हुआ वह क्या सही था और अब उनके नेता राहुल गांधी के साथ जो कुछ हो रहा है वो भी कितना उचित? एक दूसरे के प्रति राजनीतिक द्वेष, नफ़रत आदि से देश का ना पहले भला हुआ है और न ही आगे होने वाला है।
2. इसी संदर्भ में कांग्रेस पार्टी को यह ज़रूर सोचना चाहिए कि सन 1975 में जो कुछ हुआ वह क्या सही था और अब उनके नेता श्री राहुल गांधी के साथ जो कुछ हो रहा है वो भी कितना उचित? एक दूसरे के प्रति राजनीतिक द्वेष , नफ़रत आदि से देश का ना पहले भला हुआ है और न ही आगे होने वाला है.
— Mayawati (@Mayawati) March 25, 2023
वहीं एक अन्य ट्वीट में मायावती ने लिखा कि अतः यह स्पष्ट है कि देश की आज़ादी के बाद बीते 75 वर्षों में यहाँ रही विभिन्न सरकारें अगर संविधान की पवित्र मंशा तथा लोकतांत्रिक मर्यादाओं व परंपराओं के अनुसार ईमानदारी व निष्ठा के साथ काम करती होतीं तो भारत वास्तव में अग्रणी व आदर्श मानवतावादी विकसित देश बन गया होता होता।
3. अतः यह स्पष्ट है कि देश की आज़ादी के बाद बीते 75 वर्षों में यहाँ रही विभिन्न सरकारें अगर संविधान की पवित्र मंशा तथा लोकतांत्रिक मर्यादाओं व परंपराओं के अनुसार ईमानदारी व निष्ठा के साथ काम करती होतीं तो भारत वास्तव में अग्रणी व आदर्श मानवतावादी विकसित देश बन गया होता होता।
— Mayawati (@Mayawati) March 25, 2023