Agneepath Scheme: अब अग्निवीर योजना के खिलाफ मायावती का विरोध आया सामने
Agneepath Scheme: बसपा सुप्रीमों मायावती ने आज अग्निवीर भर्ती योजना का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि यह ग्रामीण युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
Agneepath Scheme: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बसपा सुप्रीमों मायावती (Bsp supremo Mayawati) ने आज अग्निवीर भर्ती योजना (Agneepath scheme) का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि यह ग्रामीण युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। आज सुबह एक ट्विट के माध्यम से मायावती (Mayawati Tweet) ने अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि सेना में काफी लम्बे समय तक भर्ती लम्बित रखने के बाद अब केन्द्र ने सेना (army) में चार वर्ष अल्पावधि वाली अग्निवीर नई भर्ती योजना घोषित की है, जिसे केन्द्र सरकार लगातार लुभावना व लाभकारी बताने की कोशिश कर रही है।
इसके बावजूद देश का युवा वर्ग असंतुष्ट एवं आक्रोशित है। उन्होंने कहा कि ये सेना भर्ती व्यवस्था को बदलने का खुलकर विरोध कर रहे हैं। मायावती ने यह भी कहा कि इन जवानों का मानना है कि सेना व सरकारी नौकरी में पेंषन लाभ आदि को समाप्त करने के लिए ही सरकार सेना में जवानों की संख्या को कमी के साथ साथ मात्र चार साल क लिए सीमित कर रही है। जो घोर अनुचित तथा गरीब व ग्रामीण युवाओं व उनके परिवार के भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि देश में लोग पहले ही बेरोजगारी गरीबी महंगाई एवं सरकार की गलत नीतियों व अहंकारी कार्यशैली से दुखी हैं ऐसे में सेना में नई भर्ती को लेकर युवा वर्ग में फैली बेचैनी अब निराशा उत्पन्न कर रही हैं सरकार तुरंत अपने फैसले को वापस ले।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना लॉन्च की है। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा के लिए एक आकर्षक भर्ती योजना 'अग्निपथ' को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निपथ भर्ती योजना को लॉन्च करते हुए इसे क्रांतिकारी सुधार वाला कदम बताया है,लेकिन इस योजना का देश के कई हिस्सों में विरोधषुरू हो गया है।
युवाओं को भारी निराशा हुई है। मात्र चार साल के लिए कोई भी युवा सेना में शामिल नहीं होगा, युवाओं का कहना है कि चार साल बाद उन्हे नौकरी से निकाल दिया जाएगा, जिससे वह फिर से बेरोजगार हो जाएंगे। युवाओं ने कहा कि वे लोग लंबे समय से सेना भर्ती की तैयारी कर रहे थे और आशांवित थे कि जल्द ही उन्हें नौकरी मिलेगी, लेकिन सरकार ने संविदा पर सेना भर्ती का निर्णय कर युवाओं के हितों पर कुठाराघात किया है।