लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा है, कि ‘वन्देमातरम्‘ के राजनीतिक इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकारों की कथनी और करनी में अंतर के कारण उपदेश देते रहने का पीएम मोदी को नैतिक अधिकार नहीं रह गया है। करोड़ों युवाओं को रोजगार सरकार उन्हें लगातार आश्वासनों के बावजूद भी नहीं दे पा रही है।
ये भी पढ़ें ...राहुल गांधी भी हुए पीएम मोदी के मुरीद, कहा- मुझसे भी बेहतर वक्ता हैं
मायावती ने कहा, कि 'बीजेपी चुनावी स्वार्थ पूरा करने के लिए 'वन्देमातरम्' का इस्तेमाल किया। अब अपने एक राजनैतिक नारे के रूप में इसे बदलने का प्रयास किया जा रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण व देश के लिए चिंता की बात है।'
'आरएसएस-बीजेपी वालों को क्यों नहीं समझाते'
मायावती ने आगे कहा, 'वे कहते हैं कि युवाओं को मंदिर निर्माण से पहले शौचालयों का निर्माण करना चाहिए। लेकिन यह बात वे आरएसएस व बीजेपी वालों को क्यों नहीं समझाते। सरकार की शक्ति का सही इस्तेमाल इन कामों के लिए करने में क्यों कतराते हैं? क्या इन बातों का स्वयं बीजेपी एण्ड कंपनी के लोगों पर ही इसका कुछ असर पड़ने वाला है?'
ये भी पढ़ें ...सामना का दावा: विपक्ष के नेता की बेटी को मंत्री बनाना चाहते थे मोदी
स्कूलों को लेकर सरकार उठाए ठोस कदम
बसपा सुप्रीमो ने कहा, कि 'हरियाणा के गुरुग्राम स्थित एक प्राइवेट स्कूल में छात्र के साथ हुआ बर्बर व्यवहार केवल एक राज्य का ही मसला नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की समस्या बनता जा रहा है। इसलिए केन्द्र सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है, कि वह राष्ट्रीय स्तर पर ठोस नीति बनाकर इस प्रकार की समस्याओं का समाधान करे।'
ये भी पढ़ें ...मोदी कैबिनेट का फैसला: केंद्रीय कर्मचारियों के DA में 1% की बढ़ोतरी