बजट से आम आदमी को लगेगा झटका! जाने इससे जुड़ी 5 बड़ी बातें

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट सत्र 2020 की शुरुआत के साथ संसद में भारत का आर्थिक सर्वे (Economic Survey 2019-20) पेश किया। इस सर्वे रिपोर्ट में देश की अर्थव्‍यवस्‍था को लेकर कई अहम आंकड़े पेश किए गए हैं।

Update: 2020-01-31 09:35 GMT

दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट सत्र 2020 की शुरुआत के साथ संसद में भारत का आर्थिक सर्वे (Economic Survey 2019-20) पेश किया। इस सर्वे रिपोर्ट में देश की अर्थव्‍यवस्‍था को लेकर कई अहम आंकड़े पेश किए गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ रेट 6-6.5 फीसदी के बीच रहेगी।

जाने क्या होता है आर्थिक सर्वे:

वित्त मंत्रालय की आधिकारिक सर्वे रिपोर्ट में देश के आर्थिक विकास का सालाना लेखाजोखा होता है। इसे वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार और उनकी टीम तैयार करती है। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि बीते साल आर्थिक मोर्चे पर देश का क्‍या हाल रहा। इसके अलावा सर्वे रिपोर्ट में ये भी बताया जाता है कि अर्थव्यवस्था में किस तरह की संभावनाएं मौजूद हैं।

आर्थिक सर्वेक्षण 2020 की बड़ी बातें:

-GDP ग्रोथ अनुमान 6-6.5%

आर्थिक सर्वेक्षण में देश की GDP ग्रोथ वित्‍त वर्ष 2020-21 के लिए 6 से 6.5 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया है। फिलहाल वित्‍त वर्ष 2019-20 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 5 फीसदी है। यह 11 साल में सबसे कम होगी। इससे पिछले वित्‍त वर्ष के दौरान 6.8 फीसदी था।

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-इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) में बदलाव के संकेत

आर्थिक सर्वेक्षण में बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव के संकेत मिले हैं। एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम आदमी को इनकम टैक्स में राहत दे सकती हैं। साथ ही इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर सेक्‍टर में निवेश बढ़ाने वाली घोषणाएं कर सकती है। मौजूदा टैक्स स्लैब में 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता, जबकि 2.50 लाख से 5 लाख रुपये तक पर 5 फीसदी टैक्स देना होता है। इसके बाद 5 से 10 लाख तक पर 20 फीसदी टैक्स लगता है और उससे ऊपर की आमदनी पर यह 30 फीसदी है।

-महंगाई में बढ़ोतरी

आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि भारत में वर्ष 2014 से ही महंगाई निरंतर घटती जा रही है। हालांकि, हाल के महीनों में महंगाई में वृद्धि का रुख देखा गया है। उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुख्‍य महंगाई दर वर्ष 2018-19 (अप्रैल- दिसम्‍बर 2018) के 3.7 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2019-20 की समान अवधि में 4.1 प्रतिशत हो गई है।

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-कृषि क्षेत्र में ग्रोथ का अनुमान

वित्त वर्ष 2020-21 में कृषि और इससे जुड़े क्षेत्र में 2.8 फीसदी ग्रोथ का भरोसा जताया गया है। मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए यह अनुमान 2.9 फीसदी रखा गया है। साथ ही उन्‍होंने 2019-20 में इंडस्‍ट्रीयल ग्रोथ के 2.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।

-रसोई गैस सिलेंडर का बढ़ेगा रेट:

आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक खाड़ी देशों में तनाव के कारण कच्‍चे तेल की कीमतों पर असर पड़ा। इससे वित्त वर्ष 2021 में पेट्रोलियम सब्सिडी पर असर पड़ेगा। ऐसा होने पर रसोई गैस सिलेंडर महंगा हो सकता है। इसके अलावा फूड सब्सिडी पर काबू पाने पर सरकार का जोर है।

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