Bulandshahr News: बुलंदशहर किशोरी अपहरण काण्ड, 3 आरोपियों का होगा लाई डिटेक्टर टेस्ट
Bulandshahr News: अपहृत हुई किशोरी को बरामद करने के लिए पुलिस अब आरोपियों से लाई डिटेक्टर से सच उगलवाएगी, इसके लिए थाना पुलिस ने अनुमति मांगी है।
Bulandshahr News: यूपी के बुलंदशहर के गुलावठी थाना क्षेत्र से 13 दिन पूर्व अपहृत हुई किशोरी को बरामद करने के लिए पुलिस अब आरोपियों से लाई डिटेक्टर से सच उगलवाएगी, इसके लिए थाना पुलिस ने अनुमति मांगी है, अनुमति मिलने पर आरोपियों का लाई डिटेक्टर कराया जाएगा। बता दे कि नामजद तीनों आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद भी पुलिस अभी तक 6 जनवरी को अपहृत हुई किशोरी का सुराग नहीं लगा पाई है।
आरोपी के कहने पर नहर में तलाश कर रही पुलिस, नतीजा शून्य
बुलंदशहर जनपद के गुलावठी थाना क्षेत्र के एक गांव से 6 जनवरी 2023 को 15 साल की एक किशोरी को कार सवार तीन युवकों ने अगवा कर लिया था, पुलिस ने पीड़िता के पिता की तहरीर पर 7 जनवरी को मुनाफ, सद्दाम पुत्र गण अनीस व बीलाल पुत्र क्लाय खान निवासी गण असीफाबाद चंदपुरा के खिलाफ धारा 363 आईपीसी के तहत रिपोर्ट दर्ज की थी। एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि गुलावठी पुलिस ने मुख्य अभियुक्त और सह अभियुक्त सहित तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है, पूछताछ के बाद आरोपियों ने दावा किया था कि जब किशोरी के साथ जा रहे थे तो उसने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया था, जिससे घबराकर किशोरी को नहर में फेंक दिया।
मुख्य आरोपी से पूछताछ के बाद से जहां थाना पुलिस स्थानीय गोताखोरों एवं पीएसी प्लाटून के गोताखोरों और ड्रोन कैमरे की मदद से नहर में किशोरी की पिछले 1 सप्ताह से तलाश कर रही है। वही किशोरी के परिजन और भारतीय किसान एकता फौजी गुट के किसान लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे है। यही नहीं आसपास के जनपदों की पुलिस व थानो को भी किशोरी के गायब होने की सूचना दी गई है, लेकिन मुख्य आरोपी से मिली जानकारी के आधार पर किशोरी की तलाश में जुटी गुलावठी थाना पुलिस अभी तक पुलिस किशोरी की बरामदगी नहीं कर सकी।
आरोपियों का होगा लाई डिटेक्टर टेस्ट
बुलंदशहर के एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी ने पूछताछ में जो जानकारी दी वह सत्य है या असत्य, इसका पता लगाने के लिए अब पुलिस तीनों आरोपियों का पुलिस लाई डिटेक्टर टेस्ट कराएगी। इसके लिए थाना पुलिस ने कोर्ट से अनुमति मांगी है। अनुमति मिलने पर आरोपियों को लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए दिल्ली भेजा जाएगा।
न्यायालय की अनुमति से होता है लाई डिटेक्टर टेस्ट
बुलंदशहर के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय शर्मा ने बताया कि किसी भी अपराधिक मामले में पीड़ित पक्ष लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की मांग कर सकता है। लाई डिटेक्टर टेस्ट आरोपी की सहमति से भी हो सकता है। लेकिन लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए जांच एजेंसी को न्यायालय से अनुमति लेनी होती है। न्यायालय से अनुमति के बाद लाई डिटेक्टर टेस्ट कराया जाता है।
शारीरिक गतिविधियों के परिवर्तन से लगाते हैं सच और झूठ का पता
दरअसल लाई डिटेक्टर टेस्ट सच और झूठ का पता लगाने के लिए किया जाता है। वरिष्ठ अधिवक्ता संजय शर्मा ने लाई डिटेक्टर टेस्ट के दौरान पहले टेस्टकर्ता आरोपियों से सामान्य जानकारी लेते हैं और फिर उसे घटना के संबंध में जानकारी हासिल करते हैं बातचीत के दौरान शारीरिक गतिविधियों के परिवर्तन, ब्लड प्रेशर, पल्स रेट, ऑक्सीजन रेट, पसीना आना आदि के आधार पर सच और झूठ का पता लगा अपनी रिपोर्ट जारी करते हैं।