Bulandshahr News: चंद्रयान-3 के लिए वैज्ञानिक डा. विनोद कौशिक ने बनाया स्पेस नेविगेशन सिस्टम, पीएम मोदी ने थपथपाई पीठ

Bulandshahr News: स्पेस नेविगेशन सिस्टम चंद्रयान-3 में फिट किया गया जो चंद्रयान-3 की लोकेशन और चंद्रयान से ली जाने वाली तस्वीरों की लोकेशन को बताएगा।

Update: 2023-08-26 16:41 GMT
चंद्रयान-3 के लिए वैज्ञानिक डा. विनोद कौशिक ने बनाया स्पेस नेविगेशन सिस्टम: Photo-Newstrack

Bulandshahr News: दुनिया से लेकर अंतरिक्ष तक भारत के चंद्रयान-3 का डंका बज रहा है। पीएम मोदी को प्रेरणा से इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग करा तिरंगा लहराकर नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया। चंद्रयान-3 की सफलता में बुलंदशहर की खुर्जा तहसील कबगांव भिंडोर निवासी वैज्ञानिक डा. विनोद कौशिक का भी बड़ा योगदान है। विनोद कौशिक ने भी चंद्रयान-3 के लिए स्पेस नेविगेशन सिस्टम तैयार किया, जो चंद्रयान-3 में फिट किया गया जो चंद्रयान-3 की लोकेशन और चंद्रयान से ली जाने वाली तस्वीरों की लोकेशन को बताएगा।

दरअसल बुलंदशहर के लाल डा. विनोद कौशिक सहित सभी इसरो वैज्ञानिकों को आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहुंचकर चंद्रयान-3 की सफलता की बधाई दी और भारतीय वैज्ञानिकों को पीठ भी थपथपाई।

पीएम मोदी ने स्पेस स्थलों का किया नामांकरण-

वैज्ञानिक डा. विनोद कौशिक ने बताया कि इस दौरान पीएम मोदी ने तीन बड़े एलान भी किए। चंद्रमा पर जहां भारतीय चंद्रयान-3 लैंडर उतरा है, अब उस पॉइंट को ‘शिव शक्ति पॉइंट‘ के नाम से जाना जाएगा। शिव में ही मानवता और संसार कल्याण का संकल्प समाहित है। शक्ति से हमें उन संकल्प को पूरा करने का बल मिलता है। डॉक्टर विनोद कुमार ने बताया कि मोदी जी के भाषण सुनकर सभी वैज्ञानिक अभिभूत हो गए। इस मौके पर मोदी जी ने बताया कि चंद्रमा पर चंद्रयान-2 ने जो पद चिह्न छोड़े हैं। उस जगह को ‘तिरंगा पॉइंट‘ कहा जाएगा। पीएम मोदी ने एक और बड़ा एलान करते हुए बताया कि जिस दिन हमने चांद पर तिरंगा फहराया यानी 23 अगस्त को, पूरा देश नेशनल स्पेस डे के रूप में मनाएगा।

अगला मिशन..सूर्य पर जाएगा ‘‘आदित्य एल-1‘‘, तैयारी पूर्ण

इसरो वैज्ञानिक डॉ विनोद कुमार कौशिक ने बताया कि सूर्य मिशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यान आदित्य एल-1 को श्रीहरिकोटा से अगले महीने छोड़ा जा सकता है। जिसकी तैयारी लगभग पूरी है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान तीन के लिए अगले 14 दिन महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने बताया कि जिस दिन चंद्रयान-3 की लैंडिंग हो रही थी उसी दिन तमाम चंद्रयान-3 से जुड़े वैज्ञानिक का दिल धक-धक कर रहा था और जिस समय सफलतापूर्वक चंद्रमुखी लैंडिंग हो गई हम सभी लोग फूले नहीं समाए। डॉ विनोद कुमार कौशिक ने बताया कि प्रधानमंत्री के निर्देशन के बाद अब प्राइवेट बड़ी कंपनियां भी चंद्रयान चला कर चंद्रमा पर पहुंच सकते हैं, इसके लिए हम उन्हें ट्रेनिंग देने की तैयारी कर रहे हैं।

जानिए किसान के बेटे विनोद कौशिक की शख्सियत-

बुलंदशहर के लाल वैज्ञानिक डा. विनोद कौशिक खुर्जा क्षेत्र के गांव भींडोर के रहने किसान देवी लाल के पुत्र है, 8 बीघा जमीन के मालिक हैं। वैज्ञानिक डा. विनोद कौशिक ने सैटेलाइट नेवीगेशन सिस्टम तैयार किया था। स्पेस नेविगेशन सिस्टम के डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं। एमटेक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद विनोद कौशिक की शुरुआत एयरफोर्स में एयरमैन के पद पर तैनाती से हुई। उसके बाद कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान इसरो के साथ जुड़े हुए हैं। वे इसरो में वैज्ञानिक के तौर पर कार्यरत हंै। उनके पिता का नाम देवी लाल है। देवी लाल मूलतः एक किसान हैं। जिनके पास 8 बीघा जमीन है। भिंडोर गांव के रहने वाले विनोद कौशिक के चाचा के बेटे रौतन कौशिक एवं वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि विनोद बचपन से ही बेहद प्रतिभाशाली छात्र थे।

उनका मुख्य काम सैटेलाइन डिजाइन करना और उसके कंट्रोल सिस्टम को बनाने का है। चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की गति को नियंत्रण में रखने वाला कंट्रोल सिस्टम को बनाने के काम में भी विनोद कौशिक मुख्य भूमिका में रहे हैं। चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद उनके गांव भिंडोर में खुशी का वातावरण है। आसपास के तमाम ग्रामीण उनके परिवार को बधाई दे रहे हैं तथा इस बात का गौरव अनुभव कर रहे हैं कि इतने बड़े विश्व प्रसिद्ध चंद्रयान मिशन-3 का एक अहम हिस्सा होने से गांव में खुशी का माहौल है। विनोद कौशिक ने बताया कि 1997 में इसरो ज्वाइन किया था। चंद्रयान-3 के दौरान पूरी रात जगे रहे और 24 घंटे काम किया। चंद्रयान-3 लैंडिंग के दौरान थोड़ी देर पहले दिल धक-धक करने लगा था और जैसे ही सफल लैंडिंग हो गई खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अब तक 36 सैटेलाइट डिजाइन कर चुके हैं।

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