जल्द होगें उपचुनाव: कोरोना संकट खत्म होने का है इंतजार, इन सीटों पर होगी लड़ाई

कोरोना संकट से जूझ रहे प्रदेश में इसके खत्म होते ही चुनावी गतिविधिया प्रारंभ हो जाएगीं। जहां एक तरफ पंचायत चुनाव का बिगुल बजेगा वहीं राज्यसभा की नवंबर में खाली हो रही नौ सीटों के अलावा यूपी विधानसभा की रिक्त पड़ी पांच सीटों पर भी चुनाव कराए जाएगें।

Update: 2020-06-19 08:42 GMT

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: कोरोना संकट से जूझ रहे प्रदेश में इसके खत्म होते ही चुनावी गतिविधिया प्रारंभ हो जाएगीं। जहां एक तरफ पंचायत चुनाव का बिगुल बजेगा वहीं राज्यसभा की नवंबर में खाली हो रही नौ सीटों के अलावा यूपी विधानसभा की रिक्त पड़ी पांच सीटों पर भी चुनाव कराए जाएगें। प्रदेश की इन विधानसभा सीटों पर राजनैतिक दलों की अभी से पैनी निगाह लगी हुई है।

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पूर्व कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव के निधन के बाद सीट खाली हो गई

हाल ही में यूपी विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव के निधन के बाद प्रदेश में अब रिक्त सीटों की संख्या पांच हो गयी है। जौनपुर की मलहनी विधानसभा से समाजवादी पार्टी के 71 वर्षीय बुजुर्ग विधायक पारसनाथ यादव का गत 12 जून को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया जिसके बाद यह सीट अब रिक्त हो गयी है। इसके पहले बुलन्दशहर की सदर विधानसभा सीट से 74 वर्षीय भाजपा विधायक वीरेन्द्र सिंह सिरोही का गत दो मार्च को निधन हो गया था जिसके कारण यह विधानसभा सीट भी खाली पड़ी है।

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र पर विधायक बने पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी सांसद मो आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद्द होने के बाद रामपुर की स्वार विधानसभा सीट पर भी चुनाव होना है। इसके अलावा उन्नाव की बांगरमऊ विधान सभा सीट से भाजपा विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर इस समय जेल में हैं। चुनाव आयोग की तरफ से कुलदीप सिंह सेंगर को अयोग्य घोषित करने के बादं विधानसभा सचिवालय सेंगर की विधान सभा सदस्यता खत्म कर चुका है। यह सीट पिछले साल 20 दिसंबर से खाली है।

पिछले साल अक्टूबर में प्रदेश की रिक्त पड़ी 11 विधानसभा सीटों उपचुनाव हुए थे

पिछले साल अक्टूबर में प्रदेश की रिक्त पड़ी 11 विधानसभा सीटों गंगोह रामपुर, इगलास, लखनऊ कैंट, गोविंद नगर, मानिकपुर, जैदपुर, जलालपुर, बलहा, घोसी, प्रतापगढ़ पर उपचुनाव कराए गए थें पर फिरोजाबाद की टूंडला विधानसभा की सीट पर चुनाव नहीं कराया गया था। इस सीट का मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण यहां पर पिछले साल उपचुनाव नहीं कराया जा सका था।

इस सीट से 2017 में प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने जीत हासिल की थी जिसके बाद योगी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हे अपना प्रत्याशी बनाया और चुनाव जीतने के बाद एसपी सिंह बघेल विधायकी से इस्तीफा दे चुके हैं।

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इन 11 विधानसभा सीटों में से सात सीटों पर भाजपा और एक सीट पर उसकी सहयोगी अपना दल (एस) को जीत हासिल हुई है जबकि तीन सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की है। उपचुनाव में कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी को एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी। अब इन रिक्त पड़ी पांच विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और बसपा की मंशा एक दो सीटे हथियाने की जरूर होगी।

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