प्रबंध कमेटी के अभाव में सहकारी समितियों का काम देखेंगे प्रबंध निदेशक 

प्रदेश की जिन सहकारी समितियों की प्रबंध कमेटियां किसी कारणवश खत्म हो गयी हैं। उन कमेटियों के कार्य दायित्व संस्था के प्रबंध निदेशक को देने का निर्णय लिया गया

Update: 2017-11-07 15:48 GMT
प्रबंध कमेटी के अभाव में सहकारी समितियों का काम देखेंगे प्रबंध निदेशक 

लखनऊ: प्रदेश की जिन सहकारी समितियों की प्रबंध कमेटियां किसी कारणवश खत्म हो गयी हैं। उन कमेटियों के कार्य दायित्व संस्था के प्रबंध निदेशक को देने का निर्णय लिया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसे हरी झंडी दी गई।

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दरअसल, समितियों की प्रबन्ध कमेटी के विद्यमान न रहने से कार्य संचालन में बाधा आती है। किसी कारणवश प्रबन्ध कमेटी का निर्वाचन न होना, त्याग-पत्र देना या अन्य किसी आकस्मिकता की स्थिति में शून्यता की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, ऐसी स्थिति में शीर्ष संस्था का कोई कर्मचारी जब अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीन रहता है या कोई अ​नियमित काम करता है तो उसके विरूद्ध कार्यवाही का अधिकार प्रबंध कमेटी में निहित होने के कारण अनावश्यक बिलम्ब होता है। साथ ही संस्था में गबन, वित्तीय अनियमितताओं आदि के मामले प्रकाश में आते हैं, ऐसे में मामलों में त्वरित कार्यवाही की जरूरत होती है।

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संस्था के कर्मचारियों के तबादले, निलम्बन और अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का अधिकार शीर्ष संस्था के प्रबन्ध निदेशक को ही दिए जाने से कार्य संचालन सुचारु रूप से चल सकता है। इसको देखते कैबिनेट की बैठक में उप्र सहकारी समिति अधिनियम—1965 की धारा—29 और 31 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है।संशोधन के लिए अध्यादेश जारी होगा और इसका विधेयक भी विधान मण्डल में पेश किया जाएगा।

मंत्री करा सकेंगे 10 करोड़ रूपये तक के काम

अब राज्य के मंत्री दस करोड़ रूपये तक के काम करा सकेंगे। राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक में बजट मैन्यूअल में संशोधन पर सहमति बनी है। इसके अलावा वित्त मंत्री की अनुमति से 25 करोड़ रूपये तक के काम किए जा सकेंगे। जबकि 25 करोड़ से अधिक के काम पर सीएम का अनुमोदन प्राप्त करना जरूरी होगा।

दिल्ली-सहारनपुर-यमुनोत्री मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होगा

दिल्ली-सहारनपुर-यमुनोत्री मार्ग राज्य (राजमार्ग सं0-57) किमी 10.911 से 217.00 (उत्तराखण्ड सीमा तक) को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होगा। इसके लिए राज्य सरकार दायित्व रहित अनापत्ति, भारत सरकार को उपलब्ध कराएगी। कैबिनेट ने इसके लिए सहमति प्रदान की है।

कुम्भ मेला-2019: रेलवे लाइन के नीचे तीन अतिरिक्त अण्डर पास बनेगा

इलाहाबाद में संगम पर हर 12 वर्ष पर महाकुम्भ और 06 वर्ष पर कुम्भ का आयोजन किया जाता है। शेष 10 वर्षाें में माघ मेले का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए रेलवे लाइन के नीचे तीन अतिरिक्त अण्डरपास की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसका निर्माण केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा। कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में अधिसूचना निर्गत करने का निर्णय लिया गया।

गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य पर कैबिनेट की मुहर

पेराई सत्र 2017-18 में चीनी मिलों ने पेराई सीजन को देखते हुए गन्ना मूल्य का परामर्शित मूल्य निर्धारित किया। गन्ने का मूल्य निर्धारण नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना की तात्कालिकता को देखते हुए सीएम के अनुमोदन के बाद किया गया।इसके तहत अगैती प्रजाति के लिए 325 रूपये प्रति कुन्तल, सामान्य प्रजाति के लिए 315 रूपये और अनुपयुक्त प्रजाति के लिए 310 रूपये प्रति कुन्तल राज्य परामर्शित मूल्य तय किया गया। इसका शासनादेश भी बीते 26 अक्टूबर को जारी हो चुका है। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगी। तय किया गया कि गन्ना मूल्य का भुगतान चीनी मिलों के द्वारा कृषकों को एकमुश्त किया जाए।इसके अलावा गन्ना समितियों/परिषदों को देय विकास कमीशन की दर 5.10 रुपए प्रति कुन्तल निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है।

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