यहां मनाया जाएगा बछड़े का बर्थ-डे, 25 हजार लोगों के भोज का हो रहा इंतज़ाम

यही नहीं क्षेत्र के पच्चीसों गांवों में जाकर घर-घर निमंत्रण दिया गया और कार्ड बांटे गए। आने वाली 24 जनवरी को दोपहर 12:00 बजे से अखंड भंडारा चलेगा जिसमें लगभग 25 हजार लोगों के भोजन करने की व्यवस्था बनाई गई है। जिसके लिए झवेले सिंह और समस्त ग्राम वासियों द्वारा सारे इंतजाम किए जा रहे हैं।

Update:2019-01-23 11:47 IST

अमेठी: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनते ही गायो और गोवंश की सुरक्षा को लेकर जिस तरह से फरमान जारी किया गया उससे आवारा जानवरों की भरमार ही लग गयी। साथ ही गाय और गोवंश की सुरक्षा को लेकर सरकार तमाम तरह के बंदोबस्त व उपाय भी कर रही है। इस बीच अमेठी निवासी विनोद कुमार सिंह गोवंश रक्षा के लिए एक अलग मिसाल प्रस्तुत कर रहे हैं।

सरकार के आदेशों से एक कदम आगे बढ़कर अनोखा कार्य करने वाले विनोद कुमार सिंह उर्फ झबेले सिंह ने देश दुनिया और समाज को जगाने के लिए एक नए और अनोखे उत्सव का आयोजन कर डाला। देखने व सुनने में जो हास्यास्पद तो लग रहा है किंतु इसके पीछे छुपी सच्चाई लोगों के लिए प्रेरणादायक होगी।

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दरअसल अमेठी जनपद की सदर तहसील गौरीगंज क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सभा पूरे चंदईपुर निवासी विनोद कुमार सिंह उर्फ झवेले सिंह ने कुछ ऐसा करने का संकल्प लिया है जो पहले ना तो कभी सुना गया है और ना ही देखा गया है। विनोद के पास दो गाय हैं जिनमें से एक गाय ने बीती 16 जनवरी 2019 को बछड़े को जन्म दिया तो घर में सोहर का गीत हुआ और खुशियां मनाई गई जैसा कि घर में किसी नवजात शिशु ने जन्म ले लिया हो। यही नहीं पंडित को बुलाकर शुभ मुहूर्त निकालकर 24 जनवरी 2019 को बाकायदा निकासन (जन्मोत्सव) की तारीख तय हुई। जिसके लिए 10 हजार कार्ड भी छपवा लिए गए और हार्डिंग लगवाई गई।

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यही नहीं क्षेत्र के पच्चीसों गांवों में जाकर घर-घर निमंत्रण दिया गया और कार्ड बांटे गए। आने वाली 24 जनवरी को दोपहर 12:00 बजे से अखंड भंडारा चलेगा जिसमें लगभग 25 हजार लोगों के भोजन करने की व्यवस्था बनाई गई है। जिसके लिए झवेले सिंह और समस्त ग्राम वासियों द्वारा सारे इंतजाम किए जा रहे हैं। बछड़े के जन्म के बाद से घर में गांव की महिलाओं द्वारा प्रत्येक शाम को इकट्ठा होकर सोहर गीत गाए जा रहे हैं। 24 तारीख को बाकायदा पंडित के मंत्रोच्चार के साथ निकासन समारोह (जन्मोत्सव) शुरू होगा जो कि भोजन के साथ रात्रि में लोक संगीत व नौटंकी के कार्यक्रम के साथ यह पूर्ण होगा।

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इस कार्यक्रम के आयोजक झवेले सिंह ने बताया की जो लोग गाय की पूजा करते हैं। उसका दूध पीते हैं या बेचते हैं लेकिन बछड़ा होने पर उसे कटने मरने के लिए सड़कों पर बेसहारा छोड़ देते हैं। यह उनके लिए सबक है जो यह समझते हैं कि यह गोवंश हमारे लिए भार हैं। गौ माता या गोवंश हमारे ऊपर भार नहीं बल्कि हमारी जिम्मेदारी है। जब हमारे घर में बच्चा होता है तो हम खुशियां मनाते हैं तो फिर गौ माता के संतान उत्पत्ति पर क्यों परेशान होकर उसे मरने के लिए छोड़ दें। बस इसी सोच को बदलने की जरूरत है। इससे हम लोग प्रेरणा प्राप्त करें और इन गोवंश तथा गायों की स्वयं सुरक्षा करें इनको आवारा ना छोड़ें।

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