जुर्म ने बदले रंग, लेकिन पत्नी के कातिल को ढूंढ कर ही थमा पति का जुनून
उन्होंने पास के स्कूल की सीसीटीवी फुटेज देखे। फुटेज में वो वाहन तो दिखा लेकिन उसका नंबर नजर नहीं आ रहा था। फुटेज में नजर आया कि वाहन के पीछे लगे डाला को जेएस ऑटो ने तैयार किया है। इतना देखते ही एनसी की आंखों में चमक आ गई। उन्हें लगा, कि अब वाहन और उसके कातिल ड्राइवर का पता लग सकता है।
लखनऊ: यह कहानी विद्या बागची यानी विद्या बालन की कहानी से ठीक उलट है। फिल्मी कहानी में विद्या बागची अपने पति के कातिल को तलाश करने गलियों, सड़कों, थानों, काली पूजा के पंडालों की खाक छानती है।
वो कहानी, ये हकीकत
ये किसी दूसरी फिल्म की कहानी नहीं जिसकी चर्चा की जा रही है। लेकिन फिल्म जैसी लगती जरूर है। ये कहानी है एक ऐसे पति की जिसकी पत्नी को एक अंजान सामान ढोने वाला थ्री व्हीलर वाहन धक्का मार के चला जाता है और पत्नी की मौत हो जाती है। लगातार पत्नी के कातिल को तलाशने की जद्दोजहद, थाने के चक्कर, वाहन की तलाश में सड़कों पर भटकना लगातार चार महीने तक उस पति का भाग्य हो गया था।
निरंतर चार महीने बिना नींद के बिस्तर पर काटना और सुबह होते ही अपने काम में लग जाना। ऐसी हालत में आदमी या तो पूरी तरह टूट जाता है या मजबूत होकर खड़ा होता है कि अब ये काम पूरा कर ही दम लूंगा।
ये कहानी है राजधानी के गोमतीनगर के रहने वाले पचास साल के एनसी श्रीवास्तव की। जून 16 की गरमाती सुबह सूरज आग के गोले उगलने को तैयार बैठा था। समय 10 बजे का रहा होगा। एनसी श्रीवास्तव की पत्नी डॉली सब्जी लेने घर से बाहर आईं। उसी वक्त सब्जी और फल ढोने वाली एक वाहन ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी। ड्राइवर जिसने टक्कर मारी थी, उसने पीछे मुड़कर भी नहीं देखा कि जिसे उसने गिराया है वो जिंदा है या मर गया।
कातिल की तलाश
एनसी श्रीवास्तव ने गोमतीनगर थाने में अज्ञात मोटर और चालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस के पास ऐसी शिकायतें सैंकड़ों की संख्या में आती है। जैसा कि पुलिस के प्रति आम धारणा है कि काम नहीं करती। एनसी ने भी पुलिस पर भरोसा नहीं करते हुए पत्नी के कातिल को तलाश करने को अपना जुनून बना लिया। पहले उन्होंने पास के स्कूल की सीसीटीवी फुटेज देखे। फुटेज में वो वाहन तो दिखा लेकिन उसका नंबर नजर नहीं आ रहा था। फुटेज में ये नजर आया कि वाहन या उसके पीछे लगे डाला को जेएस ऑटो ने तैयार किया है।
इतना पता लगते ही एनसी की आंखों में चमक आ गई। उन्हें लगने लगा कि अब कातिल चालक और वाहन का पता लग सकता है। जेएस मोटर ने ऐसी 428 मोटर तैयार की थीं। एनसी ने गोमतीनगर में फल और सब्जी बाजार के चक्कर काटे और वाहन के बारे में पूछताछ की।
फुटेज से पता चला कि वाहन में एक खास तरह का ताला लगाया गया है। बाजार से पता चला कि एक वाहन फल और सब्जी सप्लाई के लिए आता है लेकिन तीन महीने पहले ही उसमें नया रंग लगाया गया है। संभवत: चालक इस चालाकी में था कि वाहन का रंग बदलने से वो बच जाएगा और किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।
एनसी ने इसकी जानकारी गोमतीनगर थाने को दी। उन्होंने बताया कि एक वाहन के मालिक ने तीन महीने पहले उसका रंग बदलवाया है।
रंग लाया जुनून
पुलिस उपाधीक्षक सत्यसेन यादव ने जांच में पाया कि वाहन के डाला का रंग नया है और उसे दो तीन महीने पहले बदला गया है। पहले उसका रंग सफेद और हरा था और इसी रंग के वाहन ने उनकी पत्नी डॉली को धक्का मारा था जिससे उनकी मौत हो गई थी।
एनसी की पत्नी के कातिल को तलाश करने की मेहनत और लगन ने पुलिस महकमे को भी पिघला दिया। पुलिस ने पता लगा लिया कि वाहन सुलतान नाम के एक व्यक्ति का है जिसे घटना वाले दिन उसका बेटा इरफान चला रहा था। इरफान उस दिन से फरार है।
पुलिस ने अब सुलतान को नोटिस भेजा है। बस वो पत्नी की मौत के बाद पहला दिन था जब उन्हें नींद आई और वो चैन से सो सके।
एनसी को भरोसा है कि पुलिस अब कातिल को गिरफ्तार करेगी। हालांकि अब वो ये भी कह रहे हैं कि पुलिस ने सुलतान को नोटिस देने के अलावा उसके या इरफान के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। उनका केस जिस अधिकारी के पास था उसका कहीं और तबादला हो गया है।
पुलिस ने पहले तो उनके केस में रूचि दिखाई लेकिन बाद में उनका इंटेरेस्ट कम होता गया। लेकिन वो लड़ते रहेंगे, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता। मोटर गोमतीनगर थाने में बंद है, लेकिन उसे चलाने वाला फरार।