चुनाव खर्चे की सूची हुई वायरल, आंकड़ा देख मची खलबली
जनपद के सकलडीहा में भलेही पिछले दिनों की चुनावी सरगर्मी के बाद क्षेत्र में अब सन्नाटा है।;
विकासखंड सकलडीहा की फाइल तस्वीर (फोटो— साभार सोशाल मीडिया)
चंदौली। जनपद के सकलडीहा में भलेही पिछले दिनों की चुनावी सरगर्मी के बाद क्षेत्र में अब सन्नाटा है। लेकिन कोरोना की छोटी-बड़ी सूचनाओं के बीच लोगों के व्हाट्सएप पर सकलडीहा के एक ग्राम प्रधान प्रत्याशी के चुनावी खर्चे की एक पर्ची ने इस सन्नाटे में हलचल मचा दी है। खर्चे का ब्यौरा दो, पांच या दस लाख नहीं बल्कि एक करोड़ के आसपास का है। तेजी से वायरल होता पर्चा, कितना सच है और कितना झूठ, यह जांच का विषय है।
इससे पंचायत चुनावों में मुर्गा-दारू और पैसे के बल पर वोट खरीदने के किस्सों पर मुहर जरूर लगती है। वायरल पर्चे में जिन लोगों के नाम दर्ज है। वे अब विरोधी प्रत्याशियों पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए अपनी खिसियाहट बयां कर रहे हैं।
पिछले दिनों पंचायत चुनाव सम्पन्न हो गया। जिन प्रधानों की ताजपोशी हुई, उन्होंने दो दिनों पूर्ण गांवों के विकास के नाम पर संविधान की शपथ भी ले ली। लेकिन सवाल यह उठता है कि देश के सबसे निचले सदन में कुर्सी की दौड़ में यदि ये प्रधान करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं तो उनसे विकास की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
सकलडीहा क्षेत्र में इन दिनों व्हाट्सएप पर एक प्रत्याशी के चुनाव में हुए खर्चे के ब्यौरे ने समाज के बुद्धजीवियों को हतप्रभ कर दिया है। कागज के एक टुकड़े पर वोटों की खरीद-फरोख्त के लिए खर्च की धनराशि ने लोकतंत्र का चीरहरण कर लिया है। वोटों को मैनेज करने के लिए बाकायदा बनाए गए एजेंटों को 4 से 6 लाख तक कि रकम दी गई। दारू-मुर्गा व बांटे गए पैसों को जोड़ा जाए तो आंकड़े एक करोड़ के शिखर को छूते दिखाई पड़ते हैं।
वायरल होते इस पर्चे में कितना झूठ और कितना सच है, यह जांच का विषय है। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों को स्वतः संज्ञान में लेकर इसकी जांच भी करनी चाहिए। लेकिन एक छोटे से गांव का प्रथम नागरिक चुनने में यदि इतनी बड़ी धनराशि खर्च की जाए तो यह साफ है कि दाल में अवश्य कुछ काला है।
सकलडीहा ब्लाक का स्थानीय गांव सबसे बड़ा ग्राम सभा है। यहां चुनाव मैदान में राजेश सेठ की पत्नी मंजू वर्मा व पूर्व प्रधान प्रेम शंकर रस्तोगी की बहू रूपम रस्तोगी तथा पूर्व प्रधान विवेक जायसवाल चुनाव मैदान में रहे।
चुनाव मैदान में सभी दावेदारों ने भरपूर टक्कर दिया। लेकिन राजेश सेठ की पत्नी मंजू वर्मा ने बड़े अंतराल से अपने प्रतिद्वंदी रूपम रस्तोगी को 1400 मतों से मात दिया, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा जीत का बताया जा रहा है।
जिस हिसाब से सूची में खर्चा दर्शाया गया है उस हिसाब से 50 लाख से ऊपर खर्च होने का ब्यौरा है। सूची वायरल होने के बाद चर्चा का विषय बना हुआ है।
वायरल सूची के संबंध में सकलडीहा ग्राम सभा के प्रधान प्रतिनिधि राजेश सेठ ने बताया कि यह सूची पूरी तरह से कूट रचित है। विपक्षी रुपम रस्तोगी द्वारा चुनाव मैदान में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के द्वारा नामांकन करने का विरोध किया गया था। उसी के कारण अपनी हार को देखते हुए फर्जी सूची बनाकर, जीत के बाद चुनाव निरस्त कराने के लिए षड्यंत्र रचा जा रहा है। इस संबंध में सूची वायरल करने वालों के खिलाफ सकलडीहा थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है और मानहानि का दावा भी पेश किया गया है।