Chandauli News: गैंगस्टर को न्यायालय ने सुनाई 2 साल की सजा,साथ में 5000 जुर्माना भी देना होगा

Chandauli News: अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी 1 श्याम बाबू द्वारा गैंगस्टर मामले में निरूद्ध किये गये सत्य प्रसाद प्रकाश सिंह उर्फ ​​टीपू सिंह पुत्र सुरेन्द्र सिंह निवासी ग्राम सहजौर थाना मुगलसराय चंदौली को वर्ष 2005 में यूपी गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत निरूद्ध किया गया था।

Report :  Ashvini Mishra
Update:2024-12-25 17:04 IST

गैंगस्टर को न्यायालय ने सुनाई 2 साल की सजा,साथ में 5000 जुर्माना भी देना होगा (newstrack)

Chandauli News: चंदौली जिले के अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी 1 श्याम बाबू द्वारा गैंगस्टर मामले में निरूद्ध किये गये सत्य प्रसाद प्रकाश सिंह उर्फ ​​टीपू सिंह पुत्र सुरेन्द्र सिंह निवासी ग्राम सहजौर थाना मुगलसराय चंदौली को वर्ष 2005 में यूपी गैंगस्टर एक्ट (3)1 के अन्तर्गत निरूद्ध किया गया था। इस मामले में उसे 2 वर्ष का साधारण कारावास एवं 5000 रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है। अर्थदण्ड अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास और भुगतना होगा।

आपको बता दें कि "ऑपरेशन दोषसिद्धि" अभियान में जनपद पुलिस की वैज्ञानिक जांच, सटीक साक्ष्य संकलन एवं सरकारी वकील की प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप अभियुक्तों को दण्डित करने हेतु त्वरित कार्यवाही की जा रही है। माननीय न्यायालय पीठासीन अधिकारी श्याम बाबू (अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी 1) जनपद चंदौली द्वारा 01 अभियुक्त को दोषी करार देते हुए 02 वर्ष का साधारण कारावास एवं 5000 रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है तथा अर्थदण्ड अदा न करने की स्थिति में एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

दिनांक 16.11.2005 को थाना मुगलसराय पर अपराध संख्या 379/2005 धारा 3(1) उ0प्र0 गैंगेस्टर एक्ट के अन्तर्गत सत्यप्रकाश सिंह उर्फ ​​टीपू सिंह पुत्र स्व0 सुरेन्द्र सिंह निवासी सहजौर थाना मुगलसराय जनपद चन्दौली के विरूद्ध पंजीकृत किया गया था। इस मामले में मानीटरिंग सेल एवं अवधेश कुमार पाण्डेय (एडीजीसी) तथा अधिवक्ता हेड कांस्टेबल घनश्याम पाण्डेय थाना मुगलसराय की प्रभावी पैरवी एवं गवाहों के साक्ष्य के फलस्वरूप माननीय न्यायालय के पीठासीन अधिकारी श्री श्याम बाबू (अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम) जनपद चन्दौली द्वारा अभियुक्त सत्यप्रकाश सिंह उर्फ ​​टीपू सिंह पुत्र स्व0 सुरेन्द्र सिंह निवासी सहजौर थाना मुगलसराय जनपद चन्दौली को 02 वर्ष के साधारण कारावास एवं 5000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। अर्थदण्ड न देने की स्थिति में एक माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।

Tags:    

Similar News