Chandauli News: डीएम के आदेश को न्यायालय ने किया खारिज, ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर लटकी तलवार
Chandauli News: जनपद के चहनिया विकास खंड के क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष (ब्लॉक प्रमुख) की कुर्सी पर फिर खतरे की घंटी बज गई है।
Chandauli News: चंदौली जनपद के चहनिया विकास खंड के क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष (ब्लॉक प्रमुख) की कुर्सी पर फिर खतरे की घंटी बज गई है। उच्च न्यायालय ने जिलाधिकारी के एक साल तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं होने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ उच्च न्यायालय ने उस आदेश को निरस्त करते हुए जांच कर अपेक्षित हस्ताक्षर की संख्या के आधार पर तीन दिन के भीतर कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।आपको बता दें कि चंदौली जनपद के चहनिया ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर फिर खतरे की तलवार लटकने लगी है।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब जिला अधिकारी को नाराज क्षेत्र पंचायत सदस्यों का ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए परेड करना पड़ेगा। उच्च न्यायालय ने जिला अधिकारी के 01.08.24 के आदेश को निरस्त करते हुए जांच कर कार्रवाई पूरा करने का निर्देश दिया है। चहनिया ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख अरुण जायसवाल के खिलाफ 105 क्षेत्र पंचायत सदस्यों में से लगभग 71 क्षेत्र पंचायत सदस्य उनके खिलाफ हो गए थे और अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए जिलाधिकारी के यहां हलफनामा भी प्रस्तुत किए थे जिसको लेकर जिलाधिकारी ने एक वर्ष तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं होने का आदेश दिया था।
आरोप है की भाजपा के जिले के दिग्गज नेता भी ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी बचाने के लिए की जान से जुटे है जन प्रतिनिधियों के दबाव में आकर जिलाधिकारी ने नाराज बीडीसी सदस्यों के खिलाफ 01.08.2024 को आदेश दिया कि एक साल तक दोबारा चहनिया ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता।चहनिया ब्लाक की क्षेत्र पंचायत सदस्य फुलवासा देवी ने जिलाधिकारी के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में वाद दाखिल किया था,
जिस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने जिलाधिकारी के 01.08.2024 के आदेश को निरस्त करते हुए 3 दिन के भीतर निश्चित संख्या के हस्ताक्षरों की जांच कर अविश्वास प्रस्ताव के लिए परेड करने हेतु डेट निर्धारित करने का निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय के निर्देश आने के बाद ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ नाराज क्षेत्र पंचायत सदस्यों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।इस संबंध में जिलाधिकारी चंदौली निखिल टी फुंडे ने बताया कि मुझे भी मौखिक रूप से जानकारी मिली है कि न्यायालय ने कुछ आदेश किया है, उसकी प्रति मिलने के बाद न्यायालय के निर्देशों का पालन किया जाएगा।