Chandauli: स्वयंभू बाबा बालेश्वर नाथ में अंतिम सोमवार को उमड़ी भीड़, हर-हर महादेव के नारो से गूंजा शिवाला
Chandauli: पुजारी की मानें तो बाबा कालेश्वर नाथ स्वयं धरती से प्रकट हुये हैं इसीलिए उनको स्वयंभू कहा जाता है। उनकी शिवलिंग दिन प्रतिदिन बढ़ती रहती है। जो लोग भी सच्चे मन से उनकी भक्ति करते हैं उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
Chandauli: चंदौली जनपद के सकलडीहा क्षेत्र के चतुर्भुजपुर स्थित स्वयंभू बाबा कालेश्वर नाथ मंदिर में अंतिम सोमवार को जला अभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ भोर से ही जुटी हुई है। जलाभिषेक के दौरान हर-हर महादेव के नारो से मंदिर गूंजयामान हो रहा है। मान्यता है कि सकलडीहा रेलवे स्टेशन के समीप स्थित बाबा कालेश्वर नाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने से अकाल मौत नहीं होती है। बाबा कालेश्वर नाथ मंदिर का दर्शन करने के लिए आसपास के जनपदों सहित बिहार से भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। बाबा कालेश्वर नाथ मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट से संबंधित है।
पुजारी की मानें तो बाबा कालेश्वर नाथ स्वयं धरती से प्रकट हुये हैं इसीलिए उनको स्वयंभू कहा जाता है। उनकी शिवलिंग दिन प्रतिदिन बढ़ती रहती है। जो लोग भी सच्चे मन से उनकी भक्ति करते हैं उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह भी बताया जाता है कि सकलडीहा कोट के निवासी बाबू बक्कत सिंह को पुत्र प्राप्ति नहीं हो रहा थी तो बाबा कालेश्वर नाथ ने उनको स्वप्न दिया कि मेरा मंदिर बनवा दो और तुम्हें पुत्र प्राप्ति होगा।
स्वप्न के अनुसार सकलडीहा कोट के निवासी बाबू बक्कत सिंह द्वारा मंदिर का निर्माण कराया गया और उनको पुत्र प्राप्ति हुई और उनकी वंशावली चल गई। हर वर्ष शिवरात्रि के दिन सकलडीहा से बारात निकालकर कालेश्वर नाथ मंदिर आती है और विधिवत भगवान कालेश्वर नाथ का विवाह किया जाता है। कालेश्वर नाथ मंदिर में जहां सावन के सोमवार में भारी भीड़ जुटती है वहीं शिवरात्रि पर भी तीन दिवसीय मेले का आयोजन होता है। उस समय भी भक्तों का जमावड़ा लगता है।
सावन में यहां बलुआ पश्चिम वाहिनी गंगा घाट से जल लेकर कांवरिया जलाभिषेक करते हैं। जलाभिषेक के लिए पुलिस व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रहती है। सोमवार को भी सकलडीहा थाना अध्यक्ष संजय सिंह के नेतृत्व में पुलिसकर्मी व पीएसी के जवान, महिला पुलिस के साथ जलाभिषेक कराने के लिए डटे रहे।