Ayodhya: 'अयोध्या पर्यटन प्रोत्साहन परिषद' का बदला नाम, अब हुआ 'जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद'
Ayodhya: 'जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद' की पहली बैठक में सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि अयोध्या के पौराणिक दृष्टि को ध्यान में रखते हुये उसी अनुसार लुक देने का पूरा प्रयास किया जाय।
Ayodhya: अयोध्या पर्यटन ( Tourism) प्रोत्साहन परिषद अयोध्या जिसका नाम संशोधित कर 'जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद' कर उस की पहली बैठक में सांसद लल्लू सिंह (MP Lallu Singh) ने कहा कि अयोध्या के जिस भी स्थल का विकास किया जाय उसकी पौराणिक दृष्टि को ध्यान में रखते हुये उसी अनुसार लुक देने का पूरा प्रयास किया जाय।
सांसद ने आगे कहा कि जो भी पर्यटन एवं अयोध्या के विकास (Development of Ayodhya) के दृष्टिकोण से जो भी प्रस्ताव बनाये जाय उसको शासन को भेजने से पूर्व जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष प्रजनटेशन प्रस्तुत करने के बाद एवं बैठक में अनुमोदन के उपरांत ही शासन को भेजा जाय। प्रजनटेशन से उस प्रोजेक्ट को और सुंदर एवं भव्य बनाने में जनप्रतिनिधि अपना अहम सुझाव दे सकते है जैसे दर्शननगर स्थित सूर्यकुण्ड को भव्यता प्रदान करने के लिए सूर्यकुण्ड में सात घोड़े वाले रथ पर सवार सूर्य देवता के माडल बनाया जाय इससे एक आकर्षण पैदा होगा।
भरतकुण्ड को भी पौराणिक संदर्भ को दृष्टिगत रखते हुये विकास किया जाय
इसी प्रकार नन्दीग्राम स्थित भरतकुण्ड को भी पौराणिक संदर्भ को दृष्टिगत रखते हुये विकास किया जाय जैसे उस स्थल पर भरत जी ने तपस्या की थी उसे तपोभूमि के रूप में विकसित किया जाय, संस्कार स्थल के रूप में भी इसे याद किया जाय। भरत जी योगी थे तो उस स्थल पर एक भव्य कुटिया, हवनकुण्ड और भरत जी के योगी के रूप में दिखाया जाय, जिससे आने वाले श्रद्वालुओं को भरत जी की त्याग एवं भातृ प्रेम का स्मरण होगा।
बैठक में राम की पैड़ी के दर्शक दीर्घा के निर्माण, गुप्तारघाट से झुनकी घाट तक जगह जगह पार्क के डेवलपमेंट, कम्पनी गार्डेन में स्थित उद्यान के घाट के आगे और जमथरा के मध्य जो डेढ़ किमी0 का गैप है उसे भी घाट के रूप में जोड़ा जाय। बैठक में बताया गया कि राज मार्गो पर 6 प्रवेश द्वार के निर्माण के लिए शासन से 67 करोड़ रूपये की स्वीकृति हुई है जिसके सापेक्ष 25 करोड़ रूपया अवमुक्त किया गया है, इस धनराशि से भूमि क्रय किया जाना है जिन्हें चिन्हित किया जा रहा है। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि अफीम कोठी के पुराने स्वरूप को बरकरार रखते हुये उस स्थल को सौन्दर्यीकरण के साथ उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा।
अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक मंच पर प्रतिदिन हो रही रामलीला को भजन संध्या स्थल पर कराने का प्रस्ताव
बैठक में अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने अन्तर्राष्ट्रीय नया स्टेशन के पास बने अन्तर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक मंच पर प्रतिदिन हो रही राम लीला को भंजन संध्या स्थल में कराने का प्रस्ताव रखा, जिस पर बैठक में सर्वसम्मति से पारित करते हुये संस्कृति विभाग को एक सप्ताह के अंदर सम्पूर्ण व्यवस्था के साथ भजन संध्या स्थल पर रामलीला कराने के निर्देश जारी किये गये है। उन्होंने आगे कहा कि जो प्रवेश द्वार बनाये जाने है वहां पार्किंग, रेस्टोरेंट व अन्य जन सुविधाएं की भी व्यवस्था करायी जाय।
विधायक रामचंद्र यादव ने की कामाख्या मंदिर चल रहे सौंदर्य करण कार्य को विस्तार से कराए जाने की मांग
रूदौली विधायक रामचन्द्र यादव ने कामाख्या मंदिर के विकास, सौन्दर्यीकरण के चल रहे कार्य के बारे में विस्तार से बताते हुये पर्यटन की दृष्टिकोण से उसे और अधिक डेवलपमेंट किये जाने की बात कही।
भव्य कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कराया जाएगा जिला अधिकारी नीतीश कुमार
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार के सहयोग से अयोध्या में भव्य कान्वेन्शन सेन्टर के निर्माण का भी प्रस्ताव प्राप्त हुआ है यह कान्वेन्शन सेन्टर एयर पोर्ट से अयोध्या के मध्य 5 से 7 एकड़ भूमि पर डेवलपमेंट किया जायेगा जहां भविष्य में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार होंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि उपरोक्त के अतिरिक्त पांचों विधानसभा के विधायक गणों से एक-एक धार्मिक स्थल के विकास का प्रस्ताव मांगा गया है जिसमें बीकापुर से सिद्वेश्वर मंदिर महोली, अयोध्या में माण्डवी देवी का मंदिर ग्राम मड़ना एवं हनुमान मंदिर बिल्हरघाट, रूदौली में कामाख्या धाम, मिल्कीपुर में बामदेव आश्रम व कुण्ड, गोसाईगंज से एक से अधिक प्रस्ताव मा0 विधायक के प्रतिनिधि द्वारा बैठक में प्रस्तुत किया गया था जिसमें से एक का प्रस्ताव विधायक से परार्मश कर देने की बात बतायी गयी है।
अयोध्या के अगल-बगल जिलों के 34 धार्मिक स्थलों के विकास पर भी चर्चा की गई
बैठक में अयोध्या व अयोध्या से सटे अन्य जनपदों (बस्ती, अम्बेडकरनगर, गोंडा) के धार्मिक स्थलों के विकास पर भी चर्चा की गयी। इसमें वर्तमान में कुल 34 स्थल शामिल किये गये है।