सूर्य के अर्घ्य के साथ संपन्न हुई छठ पूजा, प्रदेशभर में भक्तिमय नजारा

लोक आस्था और सूर्य उपासना का पर्व छठ शुक्रवार की सुबह उदयमान सूर्य के अर्घ्य के साथ ही संपन्न हो गया। छठ पूजा के आखिरी दिन यमुना के घाटों पर भक्तिमय नजारा देखने को मिला। ब्रिज कीसंस्कृति को समेटे हुए यमुना के घाट और मुगलिया कला के बेजोड़ नमूने ताज का साया, उसपर

Update:2017-10-27 12:16 IST

आगरा: लोक आस्था और सूर्य उपासना का पर्व छठ शुक्रवार की सुबह उदयमान सूर्य के अर्घ्य के साथ ही संपन्न हो गया। छठ पूजा के आखिरी दिन यमुना के घाटों पर भक्तिमय नजारा देखने को मिला। ब्रिज कीसंस्कृति को समेटे हुए यमुना के घाट और मुगलिया कला के बेजोड़ नमूने ताज का साया, उसपर बिहार के निवासियों के महापर्व की रंगत मिलकर सर्व धर्म सम्भकव और वसुधैव कुटुम्बकम का अद्भुत नजारा पेश कर रही थी।

आज सुबह अंधेरे से ही यमुना के घाटों पर माताएं-बहने अपनी पूजा की डलिया लिए हुए परिवार के साथ पहुंच गई। सूरज उगते ही महिलाओं ने आधा पानी मे डूब कर भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर अपना व्रत पूर्ण किया। इस दौरान भगवान भास्कर की विशेष आरती भी की गई।

- गुरुवार को सूर्य को अर्घ्य देने के बाद महिलाओं ने रात भर जागरण किया और फिर सुबह अंधेरे ही महिलाये घाटों पर पहुंच गई।

- सुबह सुबह पहले महिलाओं ने घाट पर ही मिट्टी के चूल्हे पर ठेकुआ बनाया और अपनी पूजा की डलिया को तैयार की।

- घाटों पर मल्लाह अपनी नावों के साथ व्रती महिलाओ का इंतजार कर रहे थे।

- यमुना के घाटों पर भीड़ आगरा में बिहार का नजारा प्रस्तुत कर रही थी।

- चार दिवसीय इस अनुष्ठान के चौथे दिन अर्घ्य के बाद व्रतधारी (परिवर्तनों)ने अन्न जल ग्रहण कर 'पारण' किया।

गोरखपुर में भी छठ की धूम:

- सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर में भी छठ पूजा की धूम रही। शुक्रवार सुबह शहर के विभिन्न जलाशयों पर महिलाओं ने सूर्य देव को अर्घ्य देकर पूजा संपन्न की।

बिहार में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

- छठ को लेकर पटना से लेकर पूरे राज्य में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे।

- गंगा के तटों से लेकर जलाशयों के घाटों पर अभूतपूर्व सुरक्षा के इंतजाम देखे गए।

- पटना जिला प्रशासन की ओर से गंगा तट पर 101 घाटों पर तथा शहर में 45 तालाबों पर छठव्रतियों को भगवान भास्कर के अर्घ्य देने के इंतजाम किए गए थे।

पटना में कई पूजा समितियों द्वारा भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित की गई, पूरा माहौल छठमय रहा। कई स्थानों पर तोरण द्वारा लगाए गए तो कई पूजा समितियों द्वारा रोशनी की व्यवस्था की गई ।

इधर, मुजफ्फरपुर, सासाराम, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर, बेतिया, मोतिहारी सहित सभी जिलों के शहरों से लेकर गांवों तक लोग चार दिनों तक छठ पर्व की भक्ति में डूबे रहे। औरंगाबाद के प्रसिद्ध देव सूर्य मंदिर परिसर सहित विभिन्न सूर्य मंदिरों में लाखों श्रद्धालु छठ पर्व मनाने पहुंचे थे।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का यह महापर्व प्रारंभ हुआ था। कल यानी गुरुवार शाम को डूबते सुर्य को अघ्र्य देने के लिए भारी संख्या में घाटों पर श्रद्धालु जमा हुए थे।

 

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