Rain in Chitrakoot: डूब गया पूरा चित्रकूट, 24 घंटे के भीतर फिर उफनाई मंदाकिनी नदी
Chitrakoot News: रविवार को सुबह से ही रुक-रुककर बारिश का दौरा पूरे जिले में जारी रहा। तीसरे दिन जिले में पूरे दिन रूक-रूककर बारिश होती रही। लगातार बारिश होने से नदी-नाले उफना रहे हैं।
Chitrakoot News: यूपी-एमपी क्षेत्र में लगातार तीसरे दिन हुई लगातार जोरदार बारिश से 24 घंटे के भीतर चित्रकूट की मंदाकिनी नदी फिर उफना गई। मंदाकिनी में बाढ़ से रामघाट पर दुकानों में पानी भर गया। हालांकि जलस्तर बढ़ता देख दुकानदारों ने पहले ही सामान समेट लिया था। वहीं दूसरी ओर जोरदार बारिश होने से नदी-नाले उफना गए। इसके अलावा बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हो गई है।
चित्रकूट में रविवार को सुबह से ही रुक-रुककर बारिश का दौरा पूरे जिले में जारी रहा। तीसरे दिन जिले में पूरे दिन रूक-रूककर बारिश होती रही। लगातार बारिश होने से नदी-नाले उफना रहे हैं। बारिश के चलते खेत पानी से लबालब भर गए है। वहीं लगातार बारिश से 24 घंटे के भीतर मंदाकिनी में बाढ़ आने से रामघाट की दुकानों में पानी घुस गया। हलांकि बाढ़ की आशंका के चलते दुकानदारों ने पूर्व में ही सामान समेट लिया था।
चित्रकूट में रविवार की शाम तक नदी का पानी रामघाट में निर्मोही आखाडा के पास तक पहुंच गया। इसके बाद नदी में पानी बढ़ने का क्रम ठहर गया। लेकिन रात में जलस्तर बढ़ने की आशंका के चलते दुकानदार पूरी तरह से अलर्ट रहे। दुकानदारों ने बताया कि अक्सर रात में मंदाकिनी में बाढ़ आती है। जिसके चलते वह पूरी तरह से अलर्ट है।
वहीं लगातार बारिश से बिजली आपूर्ति पूरी तरह से चरमरा गई है। ग्रामीण अंचलों के ज्यादातर फीडर फाल्ट की वजह से नहीं चल पा रहे है। शाम करीब सात बजे निर्मोही अखाड़े तक मंदाकिनी का पानी पहुंचने के बाद रुक गया है। हालांकि अभी जलस्तर में बढ़ोत्तरी की संभावना है।
यमुना का जलस्तर कम होने से ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
चित्रकूट जिले के मऊ क्षेत्र में यमुना का जलस्तर कम होने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है। नालों के जरिए मुख्य मार्गों के रपटों के ऊपर भरा पानी अब कम होने लगा है। हालांकि रपटों में अब भी नाव चल रही हैं। बीते कई दिनों से क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों मे यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ के खतरे को लेकर ग्रामीण परेशान थे।
लेकिन अब यमुना का जल स्तर तेजी नीचे खिसक रहा है। मवईकलां संपर्क मार्ग में रविवार की शाम कम होकर कमर के नीचे आ गया है। संभावना है कि सोमवार से लोगों का आवागमन शुरु हो जाएगा। मऊ से परदवां संपर्क मार्ग स्थित बरहा-कोटरा की सड़क भी धीरे-धीरे बाढ़ के पानी से मुक्त हो रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि एक दो दिन मे बाढ़ से अवरुद्ध मार्ग पूरी तरह खुल जाएगा। स्थानीय लोग अब नाव की जगह सड़क पर चलेंगे। कई दिनों से लोगों को नाव के जरिए आवागमन करना पड़ रहा है।
पांच सेमी हर घंटे कम हो रहा यमुना का पानी
चित्रकूट जिले के राजापुर क्षेत्र में यमुना व पयश्वनी नदी में चार दिनों से जलस्तर बढ़ने से लोगों में बेचैनी बढ़ रही थी। लेकिन दो दिन से पांच सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से पानी कम होने से लोगो ने राहत की सांस ली है। केंद्रीय जल आयोग राजापुर के रमेशचंद्र ने बताया कि शुक्रवार की रात से यमुना का जलस्तर कम होने लगा था। रविवार शाम पांच बजे तक लगभग एक मीटर पानी नीचे खिसक गया है। प्रशासन ने संभावित बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली थी। लेकिन यमुना का जलस्तर कम होने से तटीय गांवों पर खतरा टल गया है। इसके बावजूद सतर्कता बरती जा रही है। किसानों व सब्जी कारोबारियों ने बताया कि यमुना की तलहटी पर बोई खरीफ की फसल व सब्जियां पूरी तरह से जलमग्न हो गई थीं। जिसके चलते बाजार में सब्जी के भाव आसमान छूने लगे हैं।