Chitrakoot News: पाठा को डकैत मुक्त रखने को नजर रखेगी एसटीएफ

Chitrakoot News: इसके लिए एडीजी एसटीएफ ने सोमवार को डीआईजी, एसपी के अलावा दस्यु प्रभावित क्षेत्र के सीओ व थाना प्रभारी के साथ बैठक कर रणनीति बनाई है। जिसमें तय हुआ कि जेल से बाहर निकले बदमाशों पर पुलिस की मदद से एसटीएफ नजर रखेगी।

Update: 2023-01-30 15:43 GMT

Chitrakoot STF to keep Patha dacoit free (Image: Newstrack)

Chitrakoot News: करीब चार दशक तक दुर्दांतों के खौफ से दहलने वाले धर्मनगरी चित्रकूट को डकैत गौरी यादव के मारे जाने के बाद निजात मिली है। ज्यादातर दुर्दांतों को यूपी एसटीएफ व पुलिस ने अपनी गोलियों का निशाना बनाया है या फिर वह पकड़े जाने के बाद जेल गए है। लेकिन इधर कुछ जमानत पर बाहर है तो कई सजा पूरी होने के बाद बाहर आ गए है। फलस्वरूप इन दुर्दांतों से एक बार फिर पाठा में अराजकता का माहौल न बने, इसको देखते हुए एसटीएफ एक बार फिर से सक्रिय हो गई है।

इसके लिए एडीजी एसटीएफ ने सोमवार को डीआईजी, एसपी के अलावा दस्यु प्रभावित क्षेत्र के सीओ व थाना प्रभारी के साथ बैठक कर रणनीति बनाई है। जिसमें तय हुआ कि जेल से बाहर निकले बदमाशों पर पुलिस की मदद से एसटीएफ नजर रखेगी।

सोमवार को मीटिंग में पूरा खाका तैयार

सोमवार को एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने पुलिस कार्यालय में डीआईजी चित्रकूटधाम रेंज डॉ. विपिन मिश्रा, एसपी बृंदा शुक्ला के साथ बैठक की। जिसमें यूपी-एमपी के पाठा में आतंक का पर्याय रहे दस्यु गैंगों के बचे सदस्यों पर चर्चा की गई। इन बचे सदस्यों में कुछ जमानत पर बाहर है तो कई हाल ही में सजा पूरी होने के बाद जेल से निकले है। इन गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रणनीति तैयार की गई।

एडीजी ने कहा कि पाठा दस्यु मुक्त हो चुका है। लेकिन नजर रखना जरुरी है। धर्मनगरी में डकैतों ने वारदातों को अंजाम देने के साथ ही राजनीतिक तौर पर भी पूर्व में दखल दिया है। भविष्य में पाठा के बीहड़ में कोई नया गैंग तैयार न हो और लोग पूरी तरह से भयमुक्त होकर जीवन बिताएं, इसके लिए जेल से बाहर सूचीबद्ध अपराधियों पर कड़ी नजर रखी जाए। बैठक में सीओ सिटी हर्ष पांडेय, सीओ एलआईयू, दस्यु प्रभावित क्षेत्र बहिल पुरवा, मानिकपुर, मारकुंडी, भरतकूप, कर्वी कोतवाली, रैपुरा के थाना प्रभारी मौजूद रहे।

बीट सिपाही व हल्का प्रभारी मजबूत करें मुखबिरतंत्र

एडीजी ने थाना प्रभारियों से कहा कि बीट सिपाही से लेकर हल्का प्रभारी अपने मुखबिर तंत्र को मजबूत रखें। मुखबिरतंत्र के ही सहारे अपराधों को रोका जा सकता है। अपराधी प्रवृत्ति के लोगों पर नजर रखते हुए उनको समयबद्ध तरीके से संबंधित थानों में बुलाते रहें। एसपी से कहा कि सर्बिलांस सेल, मुखबिरतंत्र व एलआईयू मजबूत रहे तो अपराधियों के संबंध में जानकारी जानकारी मिलती रहती है।

राधे के बाहर निकलते सक्रिय हुई एसटीएफ

जिले में करीब चार दशक तक डकैत ददुआ, ठोकिया, बलखडिया, रागिया, खड्ग सिंह, गौरी यादव, बबुली कोल आदि जैसे दुर्दांतों ने लोगों पर कहर बरपाया है। इन दुर्दांतों पर एसटीएफ व पुलिस ने शिकंजा कसा था। इनमें डकैत राधे, गोटर, तहसीलदार, खड्ग सिंह सहित करीब आधा दर्जन से ज्यादा सूचीबद्ध अपराधी जेल से बाहर है। अभी हाल ही में राधे सजा पूरी होने के बाद बाहर आया है। राधे के बाहर आते ही एसटीएफ ने एक बार फिर से अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।

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