कभी करते थे CM की आलोचना, आज अ‍खिलेश ने दी मंत्रिमंडल में जगह

Update: 2016-06-27 07:15 GMT

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लखनऊ: समाजवादी सरकार का 7वां मंत्रिमंडल विस्तार कई मायनों में दिलचस्प रहा। एक तरफ जहां इस विस्तार में उन मंत्रियों को जगह मिली जिन्हें सीएम ने खुद ही बर्खास्त करते हुए बाहर का रास्ता दिखाया था। वहीँ दूसरी तरफ उन नेताओं को भी जगह मिली जो खुलेआम सीएम अखिलेश यादव और उनके सरकार के काम काज की आलोचना कर चुके हैं।

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अब ऐसे में यह सवाल उठता है कि इस सातवें मंत्रिमंडल विस्तार में किसका प्रभाव है। सीएम अखिलेश यादव का या सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह और उनके भाइयों का। फिलहाल, सीएम निंदक नियरे राखिये वाले सिद्धांत से दो-चार होने की कोशिश कर रहे हैं। सीएम ने आज उन मंत्रियों को अपने कैबिनेट में जगह दी जो कभी उनके आलोचक थे। आइए जानते हैं कि इन आलोचकों ने सपा और सीएम के लिए कब क्‍या बोला।

आगे की स्‍लाइड्स में पढ़ें नारद राय ने कब क्‍या दिया बयान...

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मंत्री पद की शपथ लेते नारद राय

नारद राय

खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री रहे नारद राय को बीते साल सीएम ने मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था। उन पर गुटबाजी का आरोप था, लेकिन चुनाव करीब आते ही बलिया से आने वाले नारद राय को मंत्रिमंडल में शामिल करना लोगों की समझ से परे है। इसके अलावा नारद राय भी लोकसभा चुनाव में भी कुछ खास नहीं कर पाए थे।

आगे की स्‍लाइड्स में जानेंं बलराम यादव को क्‍यों निकाला गया था...

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बलराम यादव

कौमी एकता दल के सपा में विलय की वकालत करने वाले मुलायम के खास सिपाही बलराम यादव को अखिलेश यादव ने मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था। अखिलेश यादव बाहुबली मुख्तारअंसारी को पार्टी में लेने के सख्त खिलाफ थे। वहींं जानकारों की माने तो सीएम की बलराम यादव् से नाराजगी की वजह आजमगढ़ से उनके खिलाफ आने वाली शिकायतें थी। जिसके कारण उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। बाहर जाने के एक हफ्ते के भीतर उन्हें फिर से मंत्रिमंडल में जगह दी गई।

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रविदास मेहरोत्रा

लखनऊ मध्य से विधायक रविदास मेहरोत्रा सीएम के सबसे बाड़े निंदकों में से एक हैं। वे कभी किसी सरकारी संस्थान के विरुद्ध धरने में शामिल हो जाते हैं तो कभी अखिलेश को लेजर ऐसे बयान दे देते हैं कि सीएम की किरकिरी हो जाती हैंं। निंदा करने वाले इस एमएलए को सीएम ने अपने मंत्रिमंडल में जगह दी हैं। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि सीएम ने अब निंदकों को भी अपने पास रखना शुरू कर दिया है। बताते चलें कि रविदास मेहरोत्रा यश भारती अवार्ड विजेताओं को पेंशन देने के नाम पर सपा सरकार के खिलाफ अवाज बुलंद करते हुए कहा था कि यूपी सरकार 50 हजार रुपये यश भारती अवार्ड विजेताओं को पेंशन बांट रही है वहीं बुदेंलखंड में किसानों को 300 रुपया मिलता है।

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मोहम्मद जियाउद्दीन रिज़वी

बलिया के सिकंदरपुर से विधायक मोहम्मद जियाउद्दीन रिज़वी भी सीएम और सरकार के बड़े निंदकोंं मेंं से एक हैं। उन्हें सीएम ने 22 जून 2013 में ही सरकार के विरुद्ध बयानबाजी करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी कर चुके हैं। मोहम्मद जियाउद्दीन को भी अखिलेश यादव ने अपने सातवें मंत्रिमंडल विस्तार में जगह दी है।

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