Gorakhpur News: सीएम सिटी गोरखपुर स्वच्छता रैकिंग में फिर फिसड्डी, देश में मिली 74वीं रैंकिंग
Gorakhpur News: मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अरबन अफेयर्स द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की स्वच्छता रैंकिंग जारी कर दी गई। पिछले वर्ष तक लगातार चार साल के दौरान गोरखपुर नगर निगम ने स्वच्छता के मामले में लगातार सुधार किया है।
Gorakhpur News: कूड़ा निस्तारण में वाजिब सुधार नहीं हो पाने की वजह से स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 की रैंकिंग में गोरखपुर नगर निगम खास सुधार नहीं हुआ है। एक से दस लाख की आबादी वाले शहरों में गोरखपुर को 74वीं रैंक मिली है। पिछली बार राष्ट्रीय स्तर पर गोरखपुर को 111वीं रैंकिंग मिली थी। कुल 6000 अंक में गोरखपुर को केवल 4456.95 अंक ही हासिल कर सका। प्रदेश में गोरखपुर की रैंकिंग 14वीं रह गई है।
मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अरबन अफेयर्स द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की स्वच्छता रैंकिंग जारी कर दी गई। पिछले वर्ष तक लगातार चार साल के दौरान गोरखपुर नगर निगम ने स्वच्छता के मामले में लगातार सुधार किया है। शहर को वर्ष 2018 में 280 वां, वर्ष 2019 में 226 वां स्थान हासिल हुआ था। 2020 में 82वीं रैंक हासिल हुई थी। रैंकिंग में पिछड़ने की वजहें हैं। घर-घर से कूड़ा उठान की व्यवस्था पिछले वर्ष तक लागू नहीं हो सकी थी। हालांकि इस बार नगर आयुक्त अविनाश सिंह के प्रयास से काफी तेजी से लागू किए जाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
इसके अलावा सॉडिल वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित करने की दिशा में गोरखपुर नगर निगम अब तक सफल नहीं हो सका है। सर्टिफिकेशन, सिटिजन फीडबैक आदि के मामले में भी गोरखपुर ने काफी कम अंक हासिल किया। सपा पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी का कहना है कि नगर आयुक्त अविनाश सिंह से लेकर महापौर सीताराम जायसवाल सिर्फ मीडिया में बने रहने की कोशिश करते दिखते हैं। जब सारे सफाई कर्मचारी सिर्फ सीएम और वीआईपी कार्यक्रमों में व्यस्त रहेंगे, तो ऐसी रैंकिंग आएगी ही।
कमियां दूर करेंगे
मेयर सीताराम जायसवाल ने कहा कि कुछ कमियां रह गईं थी। इस वजह से इस बार रैंकिंग में गिरावट आई है। जो भी कमियां रह गई हैं, उसमें सुधार किया जाएगा और कोशिश रहेगी कि अगली बार गोरखपुर की रैंकिंग में सुधार आए। वैसे पिछले कुछ वर्षों में सफाई को लेकर नागरिकों का अच्छा फीडबैक मिला है।