वैज्ञानिकों ने कभी भी भाषाओं को जोड़ने पर शोध नहीं किया- CM योगी
भाषा संवाद का सशक्त माध्यम है। अक्सर आप सुनते होंगे की भारत कभी एक राष्ट्र नहीं रहा,लेकिन भारत प्राचीन काल से ही एक सांस्कृतिक इकाई के रूप में रहा है। इसके कई प्रमाण है। वैदिक काल से कई परम्परा चली आ रही है। लेकिन हमें ये मना होगा कि भारत एक राष्ट्र रहा है,
लखनऊ:भाषा संवाद का सशक्त माध्यम है। अक्सर आप सुनते होंगे की भारत कभी एक राष्ट्र नहीं रहा,लेकिन भारत प्राचीन काल से ही एक सांस्कृतिक इकाई के रूप में रहा है। इसके कई प्रमाण है। वैदिक काल से कई परम्परा चली आ रही है। लेकिन हमें ये मानना होगा कि भारत एक राष्ट्र रहा है, अगर ऐसा ना होता तो क्या केरल से निकल कर आदि शंकरचर्या 4 पीठों की स्थापना कर पाता।बाबा भीम राव आंबेडकर यूनिवर्सिटी में हिंदी विभाग के दो दिवसीय संगोष्ठी के समापन समारोह में अपने संबोधन में यूपी के सीएम योगी ने भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत को एक बनाने में भाषा का बड़ा योगदान है।
सीएम योगी ने कहा बताया कि भारत में मात्र 4 % लोग अंग्रेज़ी बोलते है।ये माना जाता है कि किसी भी बच्चे को ज्ञान कराने के लिए सबसे उपयुक्त उसकी मात्रा भाषा होती है।केरल से निकले एक सन्यासी भारत के चारो कोनो पर पीठ स्थापित करते है तब तो अंग्रेजो का बीज भी नहीं फूटा था। भारत एक जमीन का सिर्फ टुकड़ा नहीं है। जिन्होंने भारत का इतिहास 2 हजार साल का मान लिया है और यह भी मान लिया कि अंग्रजों से आजादी मिलने के बाद ही यह राष्ट्र बना है वो अज्ञानी है।
सीएम योगी ने कहा कि दुनिया में सभी ताकतवर देश अपनी मातृभाषा को ही अपनाये हुए है।
वैज्ञानिकों ने कभी भी भाषाओं को जोड़ने पर शोध नहीं किया।सभी भाषायें संस्कृत भाषा के इर्द गिर्द दिखायी देती है।भाषा संस्थान पर ये बड़ी ज़िम्मेदारी है।कभी तमिल तो कभी मलयालम का मुद्दा उठाया।ये वो ताक़तें है जो देश को समृद्ध नहीं देखना चाहती।ये देखना होगा कि सभी भाषा बोलियों को एक करके काम करें। सब के भाव एक है तो भेद कहाँ से आ गया।सीएम योगी ने कहा कि कौन सा ऐसा देश है जो भारत के प्रति आदर ना रखता हो।