सीएम योगी ने विकास परियोजनाओं में अनावश्यक देरी पर जताई नाराजगी, बजट पुनरीक्षण पर जताया एतराज

Lucknow: सीएम योगी ने विकास परियोजनाओं में अनावश्यक देरी पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने अधिकारियों को साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि जनहित के कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही अक्षम्य है।

Newstrack :  Network
Update: 2022-08-18 11:02 GMT

Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath (image credit social media)

Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने जनहित की विकास परियोजनाओं में अनावश्यक देरी पर कड़ी नाराजगी जताई है। गुरुवार को विभिन्न विकास परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि जनहित के कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही अक्षम्य है। किसी प्रकार की गड़बड़ी, भ्रष्टाचार अथवा अनावश्यक लेटलतीफी की सूचना मिली तो संबंधित अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

18 मंडलों में संचालित महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं की समीक्षा कर मांगी रिपोर्ट

इसके साथ ही सीएम योगी (CM Yogi) ने मुख्य सचिव को सभी 18 मंडलों में संचालित महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। वहीं, अपर मुख्य सचिव वित्त (Additional Chief Secretary Finance) को बीते 05 माह में विभागों को जारी परियोजनावार बजट, अब तक हुए व्यय का विवरण तथा अवशेष राशि के संबंध में विस्तृत आख्या तैयार करने का निर्देश भी दिया है। इसके बाद अगले सप्ताह एक बार फिर मुख्यमंत्री परियोजनावार हुए कार्यों की समीक्षा करेंगे।

परियोजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए: CM

शासन स्तर के अधिकारियों के साथ जिलावार समीक्षा करते हुए सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि विकास परियोजनाओं में देरी से न केवल जनता के धन का अपव्यय होता है, बल्कि जनहित भी प्रभावित होता है। ऐसे में परियोजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि परियोजना के लिए तय नियमों के अनुरूप धनराशि का आवंटन किया जाता रहे। अनावश्यक विलंब करने की प्रवृत्ति का त्याग किया जाए। विकास कार्यों के लिए धन का कोई अभाव नहीं है।

इस संबंध में आवश्यकतानुसार वित्त विभाग (finance department) तथा मुख्यमंत्री कार्यालय (CM Office) से संपर्क किया जा सकता है। विकास परियोजनाओं की शुचिता, पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कार्यदायी संस्था चयन में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि यह उचित होगा कि परियोजना की महत्ता के अनुरूप सेंट्रल एजेंसियों को अवसर दिया जाए। इस संबंध में मुख्य सचिव को प्रयास करने के लिए निर्देशित किया गया। वहीं, शुचिता और पारदर्शिता पर जोर देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित कराया जाए कि विकास परियोजनाओं के लिए डीपीआर तैयार करने वाली संस्था परियोजना के क्रियान्वयन व निर्माण आदि के लिए होने वाली टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लें। 

नए विश्वविद्यालयों की शुरुआत से बदलेगा यूपी का शैक्षिक परिदृश्य

निर्माणाधीन राज्य विश्वविद्यालयों के निर्माण कार्यों की समीक्षा करते मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा की सुलभ उपलब्धता के लिए सरकार द्वारा अनेक विश्वविद्यालयों की स्थापना कराई जा रही है। राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, अलीगढ़, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय,गोरखपुर, मां शाकुम्भरी देवी राज्य विश्वविद्यालय, सहारनपुर, महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ जैसे निर्माणाधीन प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश के शैक्षिक परिदृश्य में बदलाव लाने वाले होंगे। यह प्रोजेक्ट शासन की शीर्ष प्राथमिकता में हैं। निर्माण कार्य की सतत निगरानी की जाए।

किसी परियोजना का बजट रिवाइज नहीं किया जाएगा: सीएम योगी

कतिपय परियोजनाओं के बजट पुनरीक्षण की जरूरत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए कि किसी परियोजना का बजट रिवाइज नहीं किया जाएगा। परियोजना शुरू करने से पहले हमें सभी बिन्दुओं पर अंतिम निर्णय लेना होगा। वहीं, जनपद गाजियाबाद अंतर्गत नगर पालिका लोनी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट को प्रत्येक दशा में 15 सितम्बर तक पूरा करने के निर्देश दिए गए। जनपद गाजियाबाद में मंडौला विहार में प्रस्तावित 60 मीटर मास्टर प्लान रोड पर राज्य मार्ग 57 को पार करने के लिए चार लेन उपरिगामी सेतु के प्रोजेक्ट में आ रही बाधा का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने स्थायी समाधान के लिए मुख्य सचिव को सेतु निगम के साथ बैठक करने के निर्देश भी दिए।

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