CM योगी ने रोजगार सेवकों को दिया प्रसाद, ज्येष्ठ के पहले मंगल पर कर दिया ये एलान

कोरोना संकट के चलते लाकडाउन से जूझ रहे रोगार सेवकों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संकटमोचक बनकर आज सामने आए। ज्येष्ठ के पहले मंगल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से रोजगार सेवकों का मानदेय दोगुना कर दिया।

Update: 2020-05-12 06:58 GMT

लखनऊ: कोरोना संकट के चलते लाकडाउन से जूझ रहे रोगार सेवकों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संकटमोचक बनकर आज सामने आए। ज्येष्ठ के पहले मंगल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से रोजगार सेवकों का मानदेय दोगुना कर दिया। पहले 3630 रुपए मिलते थे जिसे बढ़ाकर अब 6000 रुपए कर दिया गया है। रोजगार सेवकों के खाते में ट्रांसफर की गयी 225.39 करोड की बड़ी रकम उनके लिए किसी प्रसाद से कम नहीं है।

आज सुबह ही मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ ने डिजिटल इंडिया के तहत एक क्लिक से उनके खाते में इतनी बड़ी रकम डालने का काम किया। इससे 35,818 रोजगार सेवकों को एक क्लिक पर 225.39 करोड़ का उपहार मिल गया। इस अवसर पर योगी सरकार ने रोजगार सेवकों का मानदेय भी बढा दिया है। पहले रोजगार सेवकों को 3630 रुपए प्रतिमाह मिलता था जिसे अब बढाकर 6000 प्रति महीने का भुगतान किया जाएगा।

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यह रकम डीबीटी से रोजगार सेवकों के एकाउंट में सीधे पहुंचेगी। यूपी देश में सबसे ज्यादा 22 लाख मनरेगा श्रमिकों को रोजगार देने वाला प्रदेश है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोजगार सेवकों को मई के आखिर तक प्रतिदिन 50 लाख मनरेगा श्रमिकों को रोजगार दिलाने का दिया लक्ष्य दिया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील की है कि बढ़ चढ़ कर जरूरतमंदों की सेवा की जाए तथा मनरेगा के जरिए जरूरतमंदों को पर्याप्त रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए।

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मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक कुल 31.42 लाख श्रमिकों एवं निराश्रित व्यक्तियों को 1,000 रुपए की दर से 314.24 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता वितरित की जा चुकी है। इनमें निर्माण कार्य से जुड़े 17.04 लाख श्रमिक, नगरीय क्षेत्र के 8.24 लाख श्रमिक तथा ग्रामीण क्षेत्रों के 6.14 लाख श्रमिक शामिल हैं। प्रदेश की 45,480 ग्राम पंचायतों में कार्यरत 22.63 लाख मनरेगा श्रमिकों के साथ उत्तर प्रदेश, देश का अग्रणी राज्य है।

9 लाख से अधिक प्रवासी आए यूपी

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उन्होंने बताया कि अब तक 9 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उत्तर प्रदेश वापस लाया जा चुका है। प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों की वापसी के मद्देनजर राज्य सरकार 20 लाख लोगों को रोजगार देने की योजना पर कार्य कर रही है। इसके लिए श्रम सुधार आवश्यक था। इस उद्देश्य से राज्य सरकार ने अध्यादेश लागू करने का निर्णय लिया है।

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