UP News: स्थानीय संस्कृति की झलक दिखाई दे वाराणसी और गोरखपुर के कमिश्नरी कार्यालयों में: मुख्यमंत्री

UP News: सीएम योगी ने कहा कि जनता की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए हमें सभी कार्यालयों को एक जगह पर लाना है। एकीकृत कमिश्नरी कार्यालय से सभी विभागों की मॉनिटरिंग करने में आसानी होगी।

Update:2023-08-02 18:48 IST
CM Yogi Adityanath inspected the new commissionerate

UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में वाराणसी और गोरखपुर में नए कमिश्नरी और कलेक्ट्रेट भवन का अवलोकन किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर के कमिश्नरी कार्यालयों की पहचान आइकॉनिक बिल्डिंग के तौर पर होनी चाहिए। दोनों कार्यालयों की डिजाइन यह ध्यान में रखकर बनाएं जाएं कि दोनों बिल्डिंग में स्थानीय संस्कृति की झलक दिखाई दे।

नए बिल्डिंग में होगी ये व्यवस्था

सीएम योगी ने कहा कि जनता की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए हमें सभी कार्यालयों को एक जगह पर लाना है। एकीकृत कमिश्नरी कार्यालय से सभी विभागों की मॉनिटरिंग करने में आसानी होगी। एक ही छत के नीचे सभी कार्यालय होने से जनता को भटकना नहीं पड़ेगा। वाराणसी और गोरखपुर कमिश्नरी कार्यालयों को एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। निर्मीण व्यावहारिक लगे। निर्माण के लिए उतनी ही जमीन लें जितने की आवश्यकता हो।

उन्होंने गोरखपुर और वाराणसी विकास प्राधिकरण से कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए की दोनों कार्यालयों में कॉन्फ्रेंस हॉल, ओपन ऑफिस, क्यूबिकल ऑफिस और स्टोरेज की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ बैंक, जिम, कैफेटेरिया और पार्किंग की भी हो। इसके अलावां अधिवक्ताओं के बैठने व्यवस्था और जनता, अधिकारी कर्मचारी और अधिवक्ताओं की गाड़ियों की एंट्री एवं एग्जिट की अलग अलग व्यवस्था के साथ पार्किंग की भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए। कार्यालयों के बन जाने के बाद चरणबद्ध तरीके से सभी कार्यालयों को शिफ्ट करें।

निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश

मुख्यमंत्री नें मण्डलीय कार्यालयों में वाणिज्यिक और सरकारी कार्यालयों को अलग-अलग रखने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही दोनों भवनों के निर्माण कार्य में तेजी लाने को कहा। इस बिल्डिंग में सभी सरकारी कार्यालय, जबकि दूसरे का वाणिज्यिक उपयोग किया जाए। नया भवन बनने के बाद शिफ्ट कराए गए कार्यालयों की खाली भूमि को 'मोनेटाइज' कर व्यवसायिक उपयोग में लाए जाएं। उन्होंने बिल्डिंग डिजाइन के लिए आईआईटी बीएचयू का सहयोग लेने की सलाह दी।

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