Navratri 2022 : CM योगी ने गोरखनाथ मंदिर में की कलश स्थापना, शुरू हुआ विशेष अनुष्ठान

Navratri 2022 : शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा पर गोरखनाथ मंदि में गोरक्षपीठाधीश्वर एवं CM योगी ने शक्ति मंदिर में कलश स्थापना की। गोरखनाथ मंदिर में विशेष अनुष्ठान शुरू हो गया।

Update:2022-09-26 19:20 IST

CM योगी ने गोरखनाथ मंदिर में की कलश स्थापना

Navratri 2022 : शिवावतारी एवं नाथ पंथ के अधिष्ठाता गुरु गोरखनाथ (Guru Gorakhnath) की साधना स्थली गोरक्षपीठ में नवरात्र के पहले दिन से ही पारंपरिक शक्ति पूजा शुरू हो गई है। शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2022) की प्रतिपदा पर गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) में गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अपराह्न 5 बजे शक्ति मंदिर में कलश स्थापना किया। इसके साथ ही गोरखनाथ मंदिर में विशेष अनुष्ठान शुरू हो गया।

नाथपंथी योगी शैव मतावलम्बी हैं, लेकिन गोरक्षपीठ में शिव के साथ शक्ति की आराधना की अद्भुत परंपरा है। मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में पूरे नवरात्र अनवरत साधना चलती है। सोमवार शाम 5 बजे गोरखनाथ मंदिर में परम्परागत कलश यात्रा निकली। मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ की अगुवाई में यह यात्रा मंदिर के परम,परंपरागत सैनिकों की सुरक्षा में निकली। जिसमें सभी पुजारी, योगी, वेद पाठी बालक, पुरोहित एवं श्रद्धालु शामिल हुए।


निकली कलश यात्रा

कलश यात्रा में शिव, शक्ति और बाबा गोरखनाथ के अस्त्र त्रिशूल को मंदिर के मुख्य पुजारी योगी कमलनाथ लेकर आगे-आगे चल रहे थे। परंपरा के अनुसार त्रिशूल लेकर चलने वाले को 9 दिन मंदिर में ही रहना होता है। भीम सरोवर के जल से मठ के प्रथम तल पर कलश की स्थापना कर गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मां भगवती की उपासना किया। मुख्यमंत्री नवरात्र में नौ दिन व्रत भी रहते हैं। मुख्यमंत्री बनने के पहले वह अनवरत नौ दिन की शक्ति की आराधना में मंदिर परिसर से बाहर नहीं जाते थे।

ये है पूजा का विधि-विधान 

मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ (Yogi Kamal Nath) बताते हैं कि, 'मठ स्थित शक्तिपीठ के गर्भगृह में शारदीय नवरात्र में श्रीमद देवी भागवत की कथा एवं दुर्गा सप्तशती का पाठ प्रतिपदा से विजयादशमी तक हर दिन अपराह्न सुबह एवं शाम 4 बजे 6 बजे तक चलेगा। देवी-देवताओं के आह्वान के साथ पूजन-आरती होती है। नौ दिन व्रतोपासना की पूर्णाहुति हवन और कन्या पूजन से होती है। 4 अक्टूबर को नवमी तिथि के मान में पूर्वाह्न 11 बजे गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ कन्याओं का मातृ स्वरूप में पूजन कर उनके पांव पखारेंगे। बटुक भैरव के रूप में कुछ बालक भी शामिल होंगे। कन्याओं व बटुकों को भोजन कराकर सीएम योगी द्वारा उपहार भी प्रदान किया जाएगा।'


गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई में निकलेगी विजय शोभा यात्रा

विजया दशमी के दिन 4 अक्टूबर मंगलवार को प्रातः 8:21 बजे से गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ शिवावतारी गुरु गोरक्षनाथ जी का विशिष्ट पूजन गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ करेंगे। उसके बाद सभी देव विग्रहों एवं समाधि पर पूजन होगा। अपराह्न 1 बजे से 3 बजे तक मंदिर के तिलक हाल में तिलकोत्सव का कार्यक्रम चलेगा। उसके बाद 4 बजे से सीएम योगी रथ पर सवार होकर मानसरोवर मंदिर पहुंचेंगे और वहां देव विग्रहों का पूजन एवं अभिषेक करेंगे। तत्पश्चात विजय शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान में पहुंचेगी जहां गोरक्षपीठाधीश्वर प्रभु श्री राम का राजतिलक करेंगे।

रामलीला मैदान से शोभायात्रा पुनः गोरखनाथ मंदिर पहुंचेगी और सायंकाल सात बजे से दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सामने परिसर में प्रसाद का वितरण किया जायेगा तथा अतिथि भोज होगा। खास बात यह भी कि गोरक्षपीठाधीश्वर विजयादशमी के दिन साधु-संतों के आपसी विवादों के समाधान के लिए दंडाधिकारी की भी भूमिका में होंगे।

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