सीएम जनता दर्शन: महिला की फरियाद पर तत्काल मिला न्याय, 25 हजार की मिली आर्थिक मदद
सीएम जनता दर्शन: रीढ़ की समस्या से जूझ रही ममता चारों तरफ से थक हार कर अपनी पीड़ा मुख्यमंत्री के जनता दर्शन को भेजी तो सीएम कार्यालय ने तत्काल संज्ञान लिया और आर्थिक मदद मुहैया कराई।
Lucknow: गाजियाबाद (Ghaziabad) के साहिबाबाद (Sahibabad) में अल्पसंख्यक आबादी के बीच रहने वाली ममता को सपने में भी यह उम्मीद नहीं रही होगी कि रोज-रोज की जिस प्रताड़ना और आर्थिक दुश्वारियों ने उसका जीवन नारकीय बना दिया है उसका समाधान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दी गयी एक फरियाद (आवेदन) कर देगी।
रीढ़ की समस्या से जूझ रही ममता चारो तरफ से थक हार कर अपनी पीड़ा मुख्यमंत्री के जनता दर्शन को भेजी तो सीएम कार्यालय ने तत्काल संज्ञान लेकर महिला को न केवल तत्काल 25 हजार की आर्थिक मदद मुहैया करायी, अपितु डीएम को निर्देश दिया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर और अंत्योदय कार्ड बनाकर दिया जाए । प्रशासन ने संबंधित पुलिस चौकी को 24 घंटे किसी तरह समस्या आने पर महिला की सहायता के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है।
साहिबाबाद के शहीदनगर में ईदगाह पुलिस चौकी (Idgah Police Outpost) के निकट ममता अपनी बुजुर्ग मां के साथ रहती हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को भेजे प्रार्थना पत्र में उन्होंने अपनी पीड़ा का विस्तार से जिक्र किया है। ममता के मुताबिक वह अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाके में मां के साथ रहती। परिवार में कोई और सदस्य नहीँ है। रीढ़ की हड्डी का बड़ा आपरेशन होने से मेरे कमर के नीचे का हिस्सा काम नही करता। किसी के सहारे ही थोड़ा बहुत चल पाती हूँ।
मेरे घर की दीवारें तोड़ दी गयी हैं
चलने फिरने में असमर्थ होने से मेरी दिनचर्या के सभी काम मेरी माँ को ही करने पड़ते हैं। शारीरिक और आर्थिक दिक्कतों के बीच आये दिन मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। मेरे घर की दीवारें तोड़ दी गयी हैं। जब जब मस्जिद में कोई निर्माण होता है तो हमारी दीवारों को नुकसान पहुंचता है। मस्जिद के ऊपर से बच्चे ताका झांकी करते हैं । पूजा-पाठ में व्यवधान डाला जाता है।
एक रात के तीन बजे सोते समय मेरी माँ के ऊपर ईंट फेंक कर मारी गयी । एक दिन ट्यूबलाइट फेंक कर मारा गया। घर के अंदर गंदे सामान, कूड़ा करकट और पत्थर फेंके जाते हैं।घर की नाली रोक कर चारों तरफ से गंदगी बहायी जाती है। झुंड में बच्चे आते हैं और कूड़ा फेंक कर भाग जाते हैं। मोतियाबिंद होने से मां को कुछ दिखायी नही देता है। इस वजह से पल पल हमारा जीवन खतरे में है। जीवन यापन का कोई जरिया नही है। लिहाजा अंत्योदय कार्ड बनवा दिया जाये।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ममता की फरियाद पर लिया तत्काल संज्ञान
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ममता की फरियाद को तत्काल संज्ञान लेकर गाजियाबाद के जिला प्रशासन से मामले की जांच करायी । जिला प्रशासन की तरफ से 25 हजार रुपये की आर्थिक मदद का चेक प्रदान किया गया और पीएम आवास योजना के तहत एक मकान और अंत्योदय कार्ड बनाया जाए । साथ ही गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को यह निर्देश दिया गया है कि ममता के मकान के बांयी ओर स्थित आवासीय भवन को मस्जिद में न बदलने का भू स्वामी को आदेश दिया जाए ।