योगी का संदेश: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बोले सीएम, दिया ये बड़ा बयान
उन्होंने कहा कि कोई भी समाज तब तक स्वाबलंबी नहीं बन सकता है जब तक वह सरकार का पिछलग्गू बना रहेगा। दुर्भाग्य से हम लोगों ने आजादी के बाद देश को इसी दिशा में आगे ले जाया गया लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति से देश में समाज को आगे करके समाज को स्वाबलंबन और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने का काम शुरू किया है।
लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर 19 से 25 नवंबर तक चलने वाले आयोजित शताब्दी समारोह का उद्घाटन करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का महत्व बताते हुए कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के साथ ढेर सारी उपलब्ध्यिां अपने साथ लेकर आया है लेकिन यह समारोह ऐसे समय हो रहा है कि एक ओर हमारे सामने कोरोना महामारी है तो दूसरी ओर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारे सामने है। इन दोनों से हम बहुत कुछ ले सकते है। चुनौती से उभरा हुआ और आग से तपा हुआ सोना ही खरा होता है।
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उन्होंने कहा कि कोई भी समाज तब तक स्वाबलंबी नहीं बन सकता है जब तक वह सरकार का पिछलग्गू बना रहेगा। दुर्भाग्य से हम लोगों ने आजादी के बाद देश को इसी दिशा में आगे ले जाया गया लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति से देश में समाज को आगे करके समाज को स्वाबलंबन और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने का काम शुरू किया है। यही एक भारत-श्रेष्ठ भारत का मूल मंत्र है बल्कि आत्मनिर्भर भारत का मूल मंत्र भी यही से प्रारम्भ होता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक नई शिक्षा नीति देश भर में लागू हो जाएगी। नई शिक्षा नीति से ज्ञान और रोजगार में समन्वय से युवा स्वावलंबन की तरफ बढ़ेगा।
यूपी सरकार के स्थापना दिवस का कार्यक्रम पहले मुंबई में होता
उन्होंने कहा कि यूपी सरकार के स्थापना दिवस का कार्यक्रम पहले मुंबई में होता था। 24 जनवरी 2018 को तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक के प्रस्ताव पर यह स्थापना दिवस यूपी में पहली बार हुआ। इसी क्रम में हमने यूपी को आत्मनिर्भर बनाने का विचार किया और वर्ष 2018 में ओडीओपी का शुभारम्भ किया गया। आज पूरे देश में इस पर काम हो रहा है। वोकल फार लोकल का कान्सेप्ट यही से शुरू होता है। यहीं आत्मनिर्भर भारत की शुरूआत होती है। अगर हमारी शिक्षण संस्थाएं भी इससे जुड़ जाए तो हर हाथ को काम और खेत को पानी में कोई देर नहीं लगेगी।
कई छात्र अपना स्टार्टअप स्थापित करना चाहते है
सीएम योगी ने कहा कि कई छात्र अपना स्टार्टअप स्थापित करना चाहते है लेकिन उनके पास पूंजी नहीं है और शिक्षण संस्थाओं ने उन्हे सरकार की स्टार्टअप नीति, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना आदि योजनाओं के बारे में नहीं बताया। ऐसे में स्वयं का स्टार्टअप शुरू कर सकने वाले युवाओं को नौकरी के लिए भटकना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार में आने के बाद जब एक-एक जिलें की मैपिंग करायी तो पता चला कि प्रदेश काफी समृद्ध रहा है।
1947 में यूपी की प्रति व्यक्ति आय देश से ज्यादा थी और 2017 तक यूपी एक तिहाई पर आ गयी। कहा पर चूक हुई और अगर यूपी जैसा राज्य जिसमें अपार संभावनाएं है, यहां प्रति व्यक्ति आय कम होगी, यहां का ऊर्जावान नौजवान पलायन करेगा और अगर यहां पर रोजगार की संभावनाए क्षीण होंगी और यहा के परम्परागत उद्यम और रोजगार को आगे नहीं बढ़ायेंगे तो इसका असर देश पर भी पड़ेगा क्योंकि देश का हर छठा नागरिक यूपी से है।
हमने देश को राष्ट्रपति, न्यायमूर्ति दिया
इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि आज लखनऊ विश्वविद्यालय गर्व से कह सकता है कि हमने देश को राष्ट्रपति, न्यायमूर्ति दिया। प्रशासनिक अधिकारी और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए राजनेता दिए। शोध के लिए वैज्ञानिक दिए तो अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए उद्योगपति भी दिए। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारतीय मनीषियों ने कभी नहीं कहा कि परीक्षा पास कर लेना ही सच्चा ज्ञान है। उन्होंने कहा कि हमने शिक्षण संस्थान खोल दिए, लेकिन जन सरोकार से उनको दूर कर दिया। सिर्फ शिक्षक और छात्र इसका हिस्सा नहीं, अभिभावकों, पुरातन छात्रों की बड़ी भूमिका है।
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केवल संस्थान स्थापित करने से नहीं बल्कि आम जनमानस से जुड़ना भी जरूरी है। अक्सर चुनौती आने पर हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने चुनौती आते ही सैनिटाइजर बनाना शुरू कर दिया। सभी कालेजों में कैमेस्ट्री और बायोलाजी की लैब है और सभी इसे बना सकते है। लेकिन सभी सरकार के भरोसे थे क्योंकि उनके पास प्रेरणा नहीं थी। उद्घाटन कार्यक्रम में यूपी के उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री नीलिमा कटियार, वीसी आलोक राय, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी समेत तमाम गणमान्य लोग शामिल हुए।
रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव
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