विपक्ष पर बोले योगी: दोहरा चरित्र सामने आया, जनता से माफी मांगे
उन्होंने कहा कि अगर तत्कालीन कृषि मंत्री ने पत्र लिखा तो उस समय के मुखिया यानी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी का सरकार में अहम रोल था।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केन्द्र सरकार के कृषि कानून को लेकर कुछ राजनीतिक दलों की तरफ से माहौल खराब कराने की कोशिश की जा रही है। इन दलों का दोहरा चरित्र उजागर हो रहा है। योगी ने कहा कि राजनीति मूल्य और आदर्शों की होती है। लेकिन राजनीति बिन पेंदे की लोटे की तरह हो तो फिर वह जन की राजनीति नहीं होती हैं। उन्होंने कहा कि इन दलों को यह शोभा नहीं देता है खासतौर पर राष्ट्रीय दल कांग्रेस को तो बिल्कुल ही शोभा नहीं देता है।
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यूपीए की सरकार में यह सब दल शामिल थें
पत्रकार वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपीए की सरकार में यह सब दल शामिल थें जो आज इसका विरोध कर रहे हैं। उस दौरान यूपीए सरकार ने 2010-11 में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर इस एक्ट में व्यापक संशोधनों को केन्द्र सरकार तैयार कर रही है जिसे देश में लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर तत्कालीन कृषि मंत्री ने पत्र लिखा तो उस समय के मुखिया यानी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी का सरकार में अहम रोल था। आश्चर्य होता है अब वही सब राजनीतिक दल किसानों के कंधे पर बंदूक रखरक अपना स्वार्थ सिद्वि कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने खुद ही दिल्ली में शीला दीक्षित की हार के बाद इस बिल का पक्ष लिया था
योगी ने कहा कि राहुल गांधी ने खुद ही दिल्ली में शीला दीक्षित की हार के बाद इस बिल का पक्ष लिया था और कहा था कि कृषि क्षेत्र में सुधार का काम न कर पाने के कारण ही हम चुनाव हारे। योगी ने कहा कि स्थाई समिति की बैठक में एक्ट में संशोधन और इसे आधुनिक बनाने की वकालत भी की थी। लेकिन आश्चर्य है कि अव वही दल देश में अव्यवस्था और अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई राज्य सरकारों ने इसे लागू भी किया है पर विपक्षी दलों कांग्रेस सपा बसपा अकाली दल आप टीएमसी एनसीपी में अधिकतर दल अपने घोषणा पत्र में एक एक्ट का समर्थन करते नजर आ चुके हैं। अब जब भाजपा इस पर कोई कदम उठा रही है तो यह दल किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि इन दलों को जनता के सामने माफी मांगनी चाहिए कि 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले और बाद में स्थाई समिति पर चर्चा में भी इस पर अपनी सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि राजनीति मूल्य और आदर्शों की होती है। लेकिन राजनीति बिन पेंदे की लोटे की तरह हो तोफिर वह जनविष्वास की राजनीति नहीं होती हैं। उन्होंने कहा कि इन दलों को यह शोभा नहीं देता है खासतौर पर राष्ट्रीय दल कांगे्रेस को तो बिल्कुल ही शोभा नहीं देता है।
रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री
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