मुजफ्फरनगर में CM योगी के सामने चुनौती है पश्चिम यूपी का किसान आंदोलन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के दौरे पर हैं।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Monika
Update: 2021-05-17 07:58 GMT

CM योगी (फोटो : सोशल मीडिया )

लखनऊ: कोरोना (Coronavirus) को लेकर बिगड़े हालातों का जायजा लेने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) और सहारनपुर (Saharanpur) का दौरा करेंगे। पर पिछले छह महीने से चले आ रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच उन्हें किसानों के विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है। भारतीय किसान यूनियन ने योगी के दौरे का विरोध करने की बात कही है।

उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार के कृषि कानून को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश मेें किसान केन्द्र और प्रदेश सरकार से नाराज हैं। भारतीय किसान यूनियन अपना विरोध किस तरह से करेगा। इसकी जानकारी नहीं है पर भारतीय किसान यूनियन ने मुख्यमंत्री योगी के दौरे को देखते हुए आज की अपनी गाजीपुर बार्डर पर बैठक टाल दी है।

गन्ना किसानों को झेलना पड़ा नुकसान

इन दिनों किसानों को केन्द्र सरकार के कृषि कानून के साथ ही गन्ना किसानों को अपना गन्ना तुलवाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, जिसके कारण भी किसान बेहद नाराज है। किसानों का कहना है कि लंबे इंतजार के कारण गन्ने के वजन में कमी आने से उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में भाजपा के खिलाफ इन किसानों ने अपना गुस्सा उतारते हुए मेरठ सहारनपुर शामली बागपत आदि जिलों में भाजपा के खिलाफ वोट दिया। यहां तक कि गोरखपुर वाराणसी के साथ अयोध्या मथुरा में भी भाजपा के खिलाफ जमकर वोटिंग हुई।

चौ चरण सिंह के परिवार के साथ रहा ये किसान

उत्तर प्रदेश में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का किसान शुरू से ही चौ चरण सिंह के परिवार के साथ रहा है। लेकिन 2013 में मुजफ्फरनगर दंगे के बाद वह उनसे छिटक कर भाजपा के साथ आ गया था। जिसके कारण 2014 में भाजपा को यूपी में 65 सीटे मिली और भाजपा को केन्द्र में अपने दम पर सत्ता हासिल हुई।

इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पश्चिमी यूपी का किसान भाजपा के साथ रहा है पर 2020 में मोदी सरकार की तरफ से लाए गए कृषि कानूनों के बाद किसान लगातार आंदोलन पर आमादा है।

इससे साफ हो गया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा को डैमेज कंट्रोल करना होगा वरना भाजपा का दोबारा यूपी की सत्ता हासिल करने का सपना चूर चूर हो जाएगा।

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