Jhansi News: फर्जी दस्तावेज लेकर स्क्रैप खरीदने पहुंचा कंपनी का प्रतिनिधि, आरपीएफ ने दबोचा

Jhansi News Today: झाँसी रेल मंडल के झाँसी में स्थित भंडार डिपो के अंदर स्क्रैप खरीदने पहुंचे एक कंपनी के प्रतिनिधि को दबोच लिया। दस्तावेजों पर भंडार डिपो के अफसरों के हस्ताक्षर भी पाए गए।

Report :  B.K Kushwaha
Update:2023-01-20 19:59 IST

झाँसी: फर्जी दस्तावेज लेकर स्क्रैप खरीदने पहुंचा कंपनी का प्रतिनिधि, आरपीएफ ने दबोचा

Jhansi News: झाँसी रेल मंडल के झाँसी में स्थित भंडार डिपो के अंदर स्क्रैप खरीदने पहुंचे एक कंपनी के प्रतिनिधि को दबोच लिया। दस्तावेजों पर भंडार डिपो के अफसरों के हस्ताक्षर भी पाए गए। बाद में अफसरों से संपर्क किया तो उन्होंने माना है कि यह हस्ताक्षर उनके नहीं है। फर्जी हस्ताक्षर बनाकर कंपनी का प्रतिनिधि स्क्रैप खरीदने आया था। बाद में उक्त कंपनी के प्रतिनिधि को प्रेमनगर थाने की पुलिस के हवाले कर दिया। इस मामले में पुलिस ने कंपनी व कंपनी के प्रतिनिधि व्यापारी के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर लिया। इस मामले को प्रेमगर थाने की पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए गोपनीय स्तर से जांच शुरु कर दी है। इस पूरे मामले में रेलवे अफसरों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही हैं। वहीं, दिल्ली की मेसर्स एमएम एसोसिएट के संचालक की छानबीन शुरु कर दी है।

झाँसी रेल मंडल के झाँसी स्थिर भंडार डिपो में स्क्रैप की नीलामी होती हैं। इस नीलामी में यूपी समेत अन्य राज्यों के व्यापारी शामिल होते हैं। इसके लिए कई कंपनी अपने प्रतिनिधि को नीलामी में शामिल होने के लिए भेजती हैं। बताते हैं कि 19 जनवरी को एक व्यक्ति भंडार डिपो के अंदर बने कार्यालय में पहुंचा। यहां पर उसने अपना नाम सूरज बृजलाल चौधरी बताया है। उसने कहा कि वह दिल्ली की मेसर्स एमएम एसोसिएट की प्रतिनिधि हैं।

फर्जी दस्तावेज लेकर स्क्रैप खरीदने पहुंचा कंपनी का प्रतिनिधि

प्रतिनिधि के तौर पर उसने कार्यालय में कागजात जमा किए हैं और कहा कि यह सारे कागजात रेलवे के दस्तावेज हैं। इसमें पत्रांक स्क्रैप/लॉट नंबर 39677302 अंकित था। इस पर 2 अप्रैल 2022 की ताऱीख लिखी हुई थी। इन पेपरों पर डिप्टी सीएमएम एसवाईएस विवेक दिवाकर व एकाउंट ऑफीसर राजेंन्द्र कुमार रावत के हस्ताक्षर थे। इन कागजातों को संबंधित अफसरों के पास चेक करने पहुंचाया तो कागजात देख अफसरों के होंश उड़ गए। वह कागजात पर अपने हस्ताक्षर देख आश्चर्य चकित हो गए। इसकी जानकारी रेलवे अफसरों ने आरपीएफ स्टोर को दी। जानकारी मिलते ही आरपीएफ टीम वहां पहुंची। टीम ने सारे कागजात अपने कब्जे में लिए। इसके बाद दस्तावेजों की जांच की गई। जांच में पता चला कि दोनों अधिकारियों के हस्ताक्षर ही नहीं है। इन कागजातों पर फर्जी तरीके से हस्ताक्षर बनाए गए हैं। जबकि रेलवे दस्तावेजों में दर्शायी गयी प्रोपर्टी की कीमत एक करोड़ इक्वायन लाख पचास हजार रुपया मात्र है।

आरपीएफ ने दबोचा, पूछताछ के बाद पुलिस के हवाला

इस संबंध में उप मुख्य सामग्री प्रबंधक प्रणाली विवेक कुमार का पत्रांक झाँसी/ सीआरएसडी/ विविध 2022-23 दिनांक 19 जनवरी 2023 जारी किया गया है। इसमें दर्शाया है कि उक्त पेपर पर उनके हस्ताक्षर नहीं है। फर्जी दस्तावेज के साथ पकड़े गए कंपनी प्रतिनिधि को आरपीएफ गोपनीय स्थान पर ले गई। वहां उससे कड़ाई से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान उसने अपना नाम सूरज बृजलाल चौधरी निवासी शिवाजी नगर थाना नवाबाद बताया है। उसने बताया कि मेसर्स एमएम एसोसिएट का प्रतिनिधि हूं। कंपनी ने सारे कागजात देकर उसे स्टोर में भेजा था। इसके बाद आरपीएफ ने सूरज बृजलाल चौधरी की तलाशी ली। तलाशी के दौरान उसके पास से 6500 कैश, एक मोबाइल फोन आदि सामग्री मिली। बाद में स्टोर प्रभारी निरीक्षक प्रदीप सिंह यादव, सहायक उपनिरीक्षक बी के पांडेय, प्रधान आरक्षक जलधारी व कांस्टेबल उमेश सिंह गुर्जर ने प्रेमनगर थाने की पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही प्रेमनगर थाने की पुलिस स्टोर पहुंची। यहां से सूरज बृजलाल चौधरी को पकड़कर थाने ले गई। तहरीर के आधार पर सूरज बृजलाल चौधरी के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

इस संबंध में एसओ प्रेमनगर देवेंद्र शुक्ला का कहना है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस के निर्देशन में अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत जालसाज को पकड़ा है। इससे पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। इसके पास से जो कागजात मिले हैं, उन कागजातों से स्पष्ट होता है कि स्टोर का कोई अफसर की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है। इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया गया। इसके अलावा मेसर्स एमएम एसोसिएट के संचालक को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया। संचालक द्वारा जिन अफसरों के नाम दिए जाएंगे,उस आधार पर रेलवे अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती हैं।

रेल कर्मचारी हुए मान्यता प्राप्त संगठनों से बंधुआमुक्त

यूएमआरकेएस द्वारा शुरू से ही, प्रशासन एवं मान्यता प्राप्त संगठनों ने मिलकर जो जेपीओ तैयार कर वर्ष 2016 में लागू किया था, उसका विरोध करता आ रहा है। मुख्यालय स्तर पर निरंतर पत्राचार किया गया। वर्ष 2019 में श्रम कार्यालय झांसी में इस विषय में यूएमआरकेएस द्वारा एक वाद भी दायर किया गया जिसके परिणामस्वरूप श्रम विभाग द्वारा रेल कर्मचारियों का चंदा बंद किया जाने लगा। इसी क्रम में 9 जनवरी 2023 को यूएमआरकेएस के महामंत्री हेमंत कुमार विश्वकर्मा द्वारा जेपीओ को रद्द कर कर्मचारियों द्वारा सीधा प्रशासन को पत्र देने पर चंदा बंद करने हेतु लिखा गया जिसका रेल प्रशासन ने संज्ञान लेकर आवश्यक बैठक 13 जनवरी 2023 को करके 18 जनवरी 2023 को आदेश जारी किया गया कि कोई भी कर्मचारी चंदा बंद करवाने हेतु अपना आवेदन सीधा प्रशासन को दे सकता है। इससे पहले बन्द करने हेतु उसी यूनियन को लिखना होता था, जहाँ से उसे कोई राहत नहीं मिलती थी। इस हेतु प्रत्येक वर्ष 1 दिसंबर से 31 जनवरी के बीच आवेदन देना होगा। इससे बहुतायत कर्मचारी लाभ ले सकेंगे।

यूएमआरकेएस झांसी मंडल ने बैठक कर रेल प्रशासन के फैसले पर खुशी व्यक्त की साथ ही मांग की है कि इस वर्ष यह 18 जनवरी 2023 को आदेश जारी किया गया है इसलिए अब से 2 माह का समय रेल कर्मचारियों को आवेदन करने हेतु दिया जाए। बैठक में प्रमुखता से सीके चतुर्वेदी संगठन मंत्री, अंबिका प्रसाद श्रीवास्तव, कारखाना अध्यक्ष पप्पू रामसहाय, दया निधि मिश्रा, संतोष राठौर, मोहम्मद इरशाद खान, सुशील अग्रवाल, सतीश गुप्ता, राम सिंह परिहार, मोहित रायकवार, इत्यादि कार्यकर्ता उपस्थित हुए। मंडल मंत्री ए के शुक्ला ने सभी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।

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