UP GBC-3: इन्वेस्टर्स समिट पर कांग्रेस का वार, कहा- आम जनता का नहीं हुआ लाभ, कारोबारियों को पहुंचा रहे फायदा

Lucknow: योगी सरकार के तीसरे ग्राउंड सेरेमनी पर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने इन्वेस्टर्स समिट को दिखावा करार दिया है।

Update: 2022-06-03 14:00 GMT

कांग्रेस। (Social Media)

Lucknow: योगी सरकार (Yogi Government) के तीसरे ग्राउंड सेरेमनी (third ground ceremony) पर कांग्रेस (Congress) ने बीजेपी सरकार (BJp Government) पर हमला बोला है। कांग्रेस ने इन्वेस्टर्स समिट को दिखावा करार दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता संजय सिंह (Congress spokesperson Sanjay Singh) ने कहा कि इनका मकसद कौड़ियों की कीमत पर उद्योगपतियों को करोड़ों की जमीन लुटाना है। योगी आदित्यनाथ की सरकार (Yogi Adityanath Government) ने प्रदेश को विकास की पटरी से बहुत दूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी इन्वेस्टर समिट (Uttar Pradesh Government Ground Breaking Ceremony Investor Summit) करा रही है जिसका शाब्दिक अर्थ उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता समझ को आने में असमर्थ है।

उत्तर प्रदेश सबसे गरीब प्रदेशों की सूची में तीसरे नंबर

उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार पहले भी दो बार उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टर समिट करा चुकी है, लेकिन उत्तर प्रदेश सबसे गरीब प्रदेशों की सूची में तीसरे नंबर पर पड़ा हुआ है। पिछली समिट के क्या नतीजे रहे, और तमाम समझौतों का ज़मीन पर क्या असर पड़ा, सरकार यह बता पाने में असफल रही है। महंगाई और बेरोजगारी इस समय चरम पर है, पर सरकार समिट के माध्यम से उद्योगपति मित्रों को खुश करने में लगी हुई है। ऐसा लगता है कि सरकार ऐसे इन्वेस्टर समिट सिर्फ अपने उद्योगपति मित्रों के हित में करती है। जिसका शिक्षित नौजवानों, किसानों और प्रदेश की गरीब जनता का कोई लाभ नहीं मिलता।

नौजवान प्रदेश से पलायन करने को मजबूर: कांग्रेस प्रवक्ता

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की एक लंबी फौज खड़ी होती जा रही है। नौजवान प्रदेश से पलायन करने को मजबूर हैं। सरकार इन्वेस्टर्स समिट की चकाचौंध के माध्यम से नौजवानों के पलायन पर पर्दा डालना चाह रही है। सरकार को पूर्व में हुए इन्वेस्टर्स समिट पर श्वेत पत्र लाना चाहिए और प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि इन्वेस्टर्स समिट से प्रदेश की जनता को क्या लाभ हो रहा है। समिट के माध्यम से उद्योगपतियों को करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव दी जा रही है, मगर नौजवान और किसान पलायन या आत्महत्या को मजबूर है। सरकार को नौजवानों और किसानों की मूल समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।

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