लखनऊ: आगामी विधान सभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस और उसके नए रणनीतिकार 'पीके' की पॉलिसी पर स्थानीय निकाय के नेता पलीता लगाते दिख रहे हैं।
क्या थी पीके की योजना ?
-प्रशांत किशोर (पीके) ने चुनावी समर में कूदने पहले पहले टीम गठित करने की योजना बनाई थी।
-इसके तहत पीके ने हर विधान सभा क्षेत्र से कुल 32 वालंटियर की लिस्ट मांगी थी।
-इस लिस्ट में ऐसे कार्यकर्ताओं का नाम मांगा गया था जो पार्टी के लिए समर्पित होकर काम कर सके।
-इसके लिए अंतिम तारीख 31 मार्च तय की गई थी।
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अब तक सिर्फ 18 जिलों की लिस्ट पहुंची
-सूत्रों की मानें तो अभी तक कुल 18 जिलों की लिस्ट ही यूपीसीसी पहुंची है।
-जबकि अंतिम तारीख में सिर्फ दो दिन ही बाकी है।
क्या है पीके का प्लान ?
-आगामी चुनाव के लिए कांग्रेस ने मोदी और नीतीश कुमार के कैंपेन प्लानर रहे प्रशांत किशोर को हायर किया है।
-इसके बाद बीते दस मार्च को पीके ने यूपीसीसी मुख्यालय में जिला स्तर के सभी कांग्रेसी नेताओं से मीटिंग की थी।
-पीके ने उनकी समस्याएं सुनी और आगामी रणनीति पर चर्चा की थी।
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मीटिंग के बाद प्रशांत किशोर ने हर विधान सभा क्षेत्र के मुख्य संगठन से 20 सहित बाकी छः फ्रंट्स (महिला, एनएसयूआई, युवा कांग्रेस, सेवादल के अनुसूचित जाति जनजाति और अल्प संख्यक मोर्चा) से दो-दो डेडिकेटेड वालंटियर की लिस्ट यूपीसीसी को भेजने के निर्देश दिए थे।
इस निर्देश के 18 दिन बाद भी सिर्फ 18 जिलों की लिस्ट ही यूपीसीसी मुख्यालय पहुंच सकी है।
क्या कहते हैं यूपीसीसी के प्रवक्ता
इस बारे में यूपीसीसी के प्रवक्ता वीरेंद्र मदान ने बताया कि वालंटियर्स की लिस्ट बन रही है। अभी समय है। समय रहते सूची को उपलब्ध करवा दिया जाएगा।