प्रमुख सचिव गृह को अवमानना नोटिस, सजायाफ्ता कैदियों की रिहायी का मामला
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव गृह उ.प्र अरविन्द कुमार को अवमानना नोटिस जारी की है और चार हफ्ते में स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न अवमानना कार्यवाही शुरू की जाय।यह आदेश न्यायमूर्ति यशवन्त वर्मा ने अभिलाष सिंह की अवमानना याचिका पर दिया है।
इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव गृह उ.प्र अरविन्द कुमार को अवमानना नोटिस जारी की है और चार हफ्ते में स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न अवमानना कार्यवाही शुरू की जाय।यह आदेश न्यायमूर्ति यशवन्त वर्मा ने अभिलाष सिंह की अवमानना याचिका पर दिया है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव को सजायाफ्ता कैदियों की समय पूर्व रिहाई की गाइड लाइन बनाने का निर्देश दिया था। जिसका पालन न करने पर यह याचिका दाखिल की गयी है। याचिका पर अधिवक्ता के.के राय, चार्ली प्रकाश ने बहस की। याची का कहना है कि उसके पिता मनफूल केन्द्रीय कारागार नैनी में आजीवन कारावास की सजा पिछले 24 वर्ष से भुगत रहे हैं।
महानिरीक्षक कारागार ने दिसम्बर 2013 में राज्य सरकार को लिखा है कि वृद्ध, अशक्त, अपंग, महिला व लंबे समय से सजा भुगत रहे सजायाफ्ता कैदियों की समय से पहले रिहाई की स्पष्ट नीति बनायी जाय। मानवाधिकार आयोग ने भी 2003 में उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर समय पूर्व कैदियों की रिहाई नीति तैयार करने को कहा है। हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार को सजायाफ्ता कैदियों की समय पूर्व रिहायी की स्पष्ट नीति तैयार करने का निर्देश दिया है। स्पष्ट नीति के अभाव के चलते याची के पिता की 24 साल के बाद भी रिहायी नहीं हो पा रही है। सरकार ने समय पूर्व रिहायी की योजना बनायी है किन्तु स्पष्ट न होने के कारण सही ढंग से लागू नहीं किया जा रहा है।