खेल निदेशालय में बवाल: यूपी में शुरू हुआ प्रदर्शन, कॉन्ट्रैक्ट कोच की ये मांग
सनीश मणि मिश्रा ने इस मौके पर कहा कि उनकी मांग है कि खेल विभाग में संविदा पर काम कर रहे कोच को मानदेय अप्रैल माह से दिया जाए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के खेल विभाग में संविदा कोचों का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इसी क्रम में आज उत्तर प्रदेश के खेल निदेशालय पर संविदा कोचों ने जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने इस मौके पर अप्रैल से मानदेय दिए जाने और कोच भर्ती में आउट सोर्सिंग से कोच भर्ती की व्यवस्था को वापस लिए जाने की मांग की।
इससे पहले भी संविदा कोच निदेशालय पर प्रदर्शन कर चुके हैं। साफ्ट टेनिस, टेनिस और कई खेलों के अंतरराष्ट्रीय खिलाडियों और संविदा कोच ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सनीश मणि मिश्रा खुद सॉफ्ट टेनिस के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। उन्हें राज्य सरकार लक्ष्मण पुरस्कार से सम्मानित कर चुकी है।
क्या हैं मांगें
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सनीश मणि मिश्रा ने इस मौके पर कहा कि उनकी मांग है कि खेल विभाग में संविदा पर काम कर रहे कोच को मानदेय अप्रैल माह से दिया जाए। दरअसल कोरोना के बाद से स्टेडियम बंद हैं। ऐसे में शासन स्तर पर संविदा पर कार्यरत कोच को मासिक मानदेय नहीं दिया जा रहा है। मिश्रा ने कहा कि हमारी मांग है कि संविदा कोच को 10 महीने के बजाय 3 साल के लिए नियुक्त किया जाए। जिससे वो खिलाडियों पर ध्यान लगा सकें और यूपी से अच्छे खिलाड़ी निकल सकें।
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इसके अलावा उन्होंने आउटसोर्सिंग से कोच की नियुक्ति का विरोध किया और कहा कि कोच कोई दिहाड़ी कर्मचारी नहीं बल्कि एक तकनीकी पद है। ऐसे में कोच की नियुक्ति में बिचौलिए के तौर पर एजेसियों के दखल को खत्म किया जाना चाहिए। इससे पहले भी खेल विभाग के कॉन्ट्रैक्ट कोच ने निदेशालय पर प्रदर्शन किया है। निदेशालय पर प्रदर्शन के दौरान कोचों ने अपने पुरस्कार भी रखकर आंदोलन किया था और सब्जी की दुकान लगाकर प्रदर्शन किया था।
इससे पहले उपमुख्यमंत्री ने की थी प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात
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इसके बाद यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इन कोच के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद उनकी आर्थिक मदद के साथ आगे भी उन्हें उनकी सही मांगों पर शासन के स्तर पर मदद कराने का आश्वासन दिया था।