पुलिस यूनिवर्सिटीः लखनऊ में यहां 35 एकड़ में बनेगी, होगा यहां ये काम
राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर क्षेत्र के पिपरसंड में 35.16 एकड़ में उप्र. पुलिस और फोरेंसिंक साइंस विश्वविद्यालय की स्थापना भी की जा रही है।
लखनऊ: यूपी में बढ़ते साइबर क्राइम पर नकेल कसनें के लिए उत्तर प्रदेश सरकार फोरेंसिक लैब तथा साइबर थाने की स्थापना करने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर क्षेत्र के पिपरसंड में 35.16 एकड़ में उप्र. पुलिस और फोरेंसिंक साइंस विश्वविद्यालय की स्थापना भी की जा रही है। इजराइल के तकनीकी सहयोग के साथ स्थापित किए जाने वाले इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए गुजरात के गांधी नगर में स्थित गुजरात फोरेंसिक विश्वविद्यालय के साथ एमओयू भी किया जायेगा। बीती 25 फरवरी को योगी सरकार की कैबिनेट ने विश्वविद्यालय के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगाई थी।
UP में ऐसे अपराध पर लगाम लगाएगी सरकार
इस विश्वविद्यालय में देश के अन्य राज्यों के साथ ही पड़ोसी देशों नेपाल, भूटान, मालद्वीव, श्रीलंका के छात्र भी फोरेंसिक साइंस के विभिन्न विषयों का अध्ययन कर सकेंगे। इसकी स्थापना के लिए एडीजी तकनीकी सेवाएं को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसकी स्थापना में एपीजी अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय का भी सहयोग लिया जा रहा है। इसकी स्थापना से राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक संस्थाओं में कोआडिनेशन स्थापित हो सकेगा। विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पुलिस मुख्यालय से 350 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था।
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यूपी सरकार ने अपने बजट में इसकी स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपए का प्राविधान किया है। इस विश्वविद्यालय के लिए 03 पद कुलपति, कुलसचिव तथा वित्त अधिकारी के सृजित किये जाएंगे। विश्वविद्यालय में कुल 10 विभाग जिसमें भौतिक विभाग, प्रलेख विभाग, आग्नेयास्त्र अनुभाग, रसायन विभाग, विष विभाग, जीव विज्ञान विभाग, डीएनए विभाग, साइबर क्राइम विभाग, व्यवहार विभाग और विधि विभाग शामिल हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में अध्यापन के लिए प्रोफेसर के 14, एसोशिएट प्रोफेसर के 14, असिस्टेन्ट प्रोफेसर के 42 सहित कुल 496 पद प्रस्तावित हैं।
अपराधों पर लगाम के लिए पुलिस का दक्ष होना आवश्यक- अवनीश अवस्थी
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के मुताबिक अपराधों की विवेचना तथा अभियोजन के लिए राज्य के पुलिस तंत्र और अभियोजकों को साइबर अपराध के क्षेत्र में दक्ष बनाया जाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य फोरेंसिक साइंस, आचार विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के क्षेत्र में अभिनव शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान प्रदान करने के लिए किया गया है।
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इसके साथ ही आपराधिक मामलों की जांच, प्रबंधन तथा संचालन में आवश्यक प्रौद्योगिकियों में विशेषज्ञता उत्पन्न करना, प्रशिक्षित जनशक्ति तैयार करना और प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों को एकीकृत करना है।