पंचायत चुनाव में कोरोना की इंट्री को लेकर आशंकित हैं लोग

इन दिनों कोरोना के बढते प्रभाव और प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव को लेकर लोगों के मन में तरह तरह की आशंका पैदा हो रही..;

written by :  Shreedhar Agnihotri
published by :  Shweta Pandey
Update:2021-04-08 22:08 IST

पंचायत चुनाव ( सोशल मीडिया)

लखनऊः  इन दिनों कोरोना के बढते प्रभाव और प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव को लेकर लोगों के मन में तरह तरह की आशंका पैदा हो रही है। सोशल मीडिया पर लगातार लोग अपनी राय रख रहे हैं। ऐसे लोग ट्विटर,फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से अपील कर रहे हैं कि कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप करे और पूरी पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को रोकने का काम करें।

इस समय पूरे प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर प्रचार का दौर चल रहा है। चिंता इस बात को लेकर  जा रही है कि शहरों की अपेक्षा गांव में न तो प्रशासन का अधिक हस्तक्षेप हो पाता है और न ही वहां कोरोना को लेकर जन जागरुकता है। इस बात को लेकर आशंका व्यक्त की जा रही है कि कही कोरोना गांव तक न पहुंच जाए। क्योंकि इस बात की चिंता प्रधानमंत्री मोदी भी व्यक्त कर चुके हैं कि यदि गांवों में कोरोना पहुंच गया तो हालात बेहद खराब हो जाएगें।

इस गांव में कोरोना से मौतः

हाल ही में रायबरेली के एक गांव में एक वृद्वा की कोरोना संक्रमण से मौत भी हो चुकी है।पंचायत चुनाव में मतदान के पूर्व क्षेत्र के अनेक गांवों में हजारों लोगों ने विभिन्न माध्यमों से अपना टिकट आरक्षित करा लिया है। इस समय महानगरों में कोरोना का प्रकोप  तेजी के साथ बढ़ने लगा है। ऐसे में लोगों की आशंका है कि कहीं मतदान के लिए बड़ी संख्या में प्रवासियों के आने से कोरोना का ग्राफ और अधिक न बढ़ जाए।

कर्मियों के घरवाले परेशानः

कोरोना संक्रमण के ग्राफ को देखते हुए उन कर्मियों के घरवाले ज्यादा तनाव में हैं, जिनकी ड्यूटी मतदान कराने में लगी है। इसमें तमाम महिलाओं की ड्यूटी लग गई है। वे ड्यूटी कटवाने के लिए परेशान हैं। जगह-जगह से सिफारिश भी कर रही हैं लेकिन प्रशासन नहीं मान रहा है।

हाईकोर्ट में यूपी सरकार ने रिपोर्ट दाखिल कियाः

वहीं दूसरी कोरोना संक्रमण को लेकर हाईकोर्ट में यूपी सरकार अपनी अनुपालन रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है। संक्रमण वाले जिलों में नाइट कर्फ्यू के साथ ही इस बात का आश्वासन दिया है कि सरकार,पंचायत चुनाव में नियमों का पालन करेगी। साथ ही सार्वजनिक कार्यक्रमों की गाइडलाइन जारी करेगी। इसके अलावा भीड़ रोकने के लिए संख्या सीमित की गई है। यूपी सरकार की रिपोर्ट पर 19 अप्रैल को फिर इस मामले में सुनवाई होनी है 

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