अब भाजपा कार्यकर्ताओं के 'मन की बात' रखी जाएगी हाईकमान के सामने

उत्तर प्रदेश के हालातों की रिपोर्ट जल्द ही हाईकमान के सामने रखी जाएगी जिसके बाद चुनावों को लेकर भावी रणनीति तय की जानी है।

Reporter :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-06-02 15:54 GMT

भाजपा ने 62 उम्मीदवारों का किया ऐलान (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा में राजनीतिक गतिविधियां तेज रही उससे सबकी नजर इस राजनीतिक दल की तरफ जाना स्वाभाविक था। पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह ने जिस तरह से अपने सहयोगियों के साथ प्रदेश के राजनीतिक हालातों को खंखालने का काम किया, उससे साफ है कि केन्द्रीय नेतृत्व प्रदेश के हालातों को लेकर चिंतित है।

साथ ही ये लग रहा है कि यहां पर सब कुछ ठीक नहीं है। कहा जा रहा है कि प्रदेश के हालातों की रिपोर्ट जल्द ही हाईकमान के सामने रखी जाएगी, जिसके बाद चुनावों को लेकर भावी रणनीति तय की जानी है।

सरकार को घेरने का काम 

राजधानी लखनऊ में तीन दिन तक चले चिंतन मंथन की ऐसी नजीर पहले कभी नहीं देखी गयी। पार्टी के हर वर्ग से विचार विमर्श गुपचुप तरीके से किया गया। मुख्यमंत्री से लेकर डिप्टी सीएम तक और प्रदेश अध्यक्ष से लेकर मीडिया से जुडे लोगों तक। वरना अब तक पार्टी में सामूहिक बैठकों का चलन रहा है।

राजनीतिक पंडितों का तो यहां तक मानना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कोरोना एक बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है। इसे लेकर विपक्ष भी अपनी तैयारी करने में लगा है। लेकिन पार्टी को इससे बडी चिंता आंतरिक विरोध की दिख रही है।

जिस तरह से कोरोना काल के दौरान मंत्रियों से लेकर विधायकों तक ने अपनी ही सरकार को घेरने का काम किया है उससे साफ है कि पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं है। कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी इस दौरान खूब सामने आई है।

इसलिए इन बैठकों में पार्टी महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने नाराज मंत्रियों विधायकों और कार्यकर्ताआंे के मन को टटोलने का प्रयास किया कि आखिरकार कहां चूक हुई और अब कार्यकर्ताओं की अपनो से क्या अपेक्षाएं हैं जिसकी चुनाव के पहले भरपाई की जा सके। क्योंकि पार्टी के अतीत को देखते हुए कहा जाता है कि भाजपा हमेशा भाजपा से ही हारती है।

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