आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के परिवार को मिलेगा 50 लाख का मुआवजा, योगी सरकार का एलान
Coronavirus: सरकार ने कोरोना से जान गंवाने वाले आंगनबाड़ी कर्मचारियों के परिवार को 50 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया है।
Coronavirus: कोरोना वायरस की दूसरी लहर देश के लिए काफी ज्यादा खतरनाक साबित हुई है। दूसरी लहर की दस्तक के बाद तेजी से संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी और सेकेंड वेव में काफी तादाद में लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। उत्तर प्रदेश में भी बीते दिनों दूसरी लहर का कहर देखने को मिला और इस दौरान कई सरकारी कर्मचारियों से लेकर आम नागरिक काल के गाल में समा गया।
ऐसे में सूबे की योगी सरकार ने कोरोना वायरस काल में ड्यूटी के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं की हुई मौतों पर बड़ा कदम उठाया है। यूपी सरकार ने घोषणा की है कि ऐसे सभी कर्मचारियों के आश्रितों को 50 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर दिया जाएगा।
कर्मचारियों के परिवार को अनुग्रह राशि देने की थी मांग
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए निगरानी समितियों की गठन किया गया था जिसमें आंगनबाड़ी कत्रियों मिनी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं की ड्यूटी लगाई गयी थी जो अभी भी जारी है। पर दुर्भाग्य से इनमें कई की मौत हो गयी। इसके बाद इस बात पीड़ित परिवार को अनुग्रह राशि दिए जाने की मांग की जा रही थी। जिस पर राज्य सरकार की तरफ से फैसला लिया गया है। इस आशय के निर्देश बाल विकास एवं पुष्टाहार की निदेशक डॉ. सारिका मोहन की तरफ से जारी कर दिए गए हैं।
अभी तक विभाग के 11 अधिकारी व कर्मचारियों के अलावा 72 आंगनबाडी कार्यकत्रियों तथा सहायिकओं की मौत हो चुकी है। जबकि इस समय 441 आंगनबाडी कार्यकत्री मिनी सहायिकाएं कोरोना से पीड़ित होकर अपना इलाज करा रही हैं।
इस सम्बन्ध में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेज दिया गया है जिसमें कहा गया है कि विभाग के जिन अधिकारियों आंगनबाडी कार्यकत्रियों सहायिकाओं तथा मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की कोरोना से मौत हुई है उनके आश्रितों को 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। परिपत्र में कहा गया है कि बाल विकास पुष्टाहार के यह सभी कर्मी फ्रंटलाइनवर्कर के तौर पर काम कर रहे हैं।
सरकारी कर्मियों के आश्रितों को मिलेगी नौकरी
कोरोना काल के दौरान उत्तर प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में अधिकारी और कर्मचारी लगातार अपनी ड्यूटी निभाने का काम कर रहे हैं। ड्यूटी के दौरान कई अधिकारी व कर्मचारी की मौत भी हो चुकी है। इसलिए राज्य सरकार ने बीते दिनों ऐसे सभी कर्मियों के परिवारों के जीवन यापन के लिए उनके आश्रितों को नौकरी देने तथा अनुमन्य राशि दिए जाने की घोषणा कर दी है।
मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में कोविड संक्रमण के नियंत्रण एवं बचाव के लिए स्वास्थ्य सेवाओं, पुलिस, प्रशासन, नगरीय एवं ग्रामीण स्थानीय प्रशासन सहित सभी शासकीय अधिकारी व कर्मचारी अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं तथा ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने से कुछ कर्मियों की दुःखद मृत्यु भी हुई है।
यह सुनिश्चित किया जाये कि ऐसे कर्मियों को तत्काल अनुमन्य अनुग्रह राशि तथा उसके एक आश्रित को नियमानुसार सेवा में रखे जाने की कार्यवाही भी यथाशीघ्र की जाये। यदि इसके सम्बन्ध में कार्यवाही विभाग अथवा शासन स्तर पर की जानी है तो इस सम्बन्ध में वह अपनी आख्या भी तत्काल सम्बन्धित विभाग को प्रेषित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को भी ऐसे मामलों में तत्काल अपेक्षित कार्यवाही सुनिश्चित कर उक्त की सूचना कार्मिक विभाग को भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।
कम होने लगे हैं कोरोना के केस
योगी सरकार के कोरोना संक्रमण को और फैलने से रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों का असर दिखने लगा है। प्रदेश के कई जिलों में कोरोना संक्रमण में गिरावट आई है और इसका प्रभाव कुछ कम होता दिखाई दे रहा है। जहां देश में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 254288 केस सामने आए हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटो में 6046 नए केस सामने आए हैं। जबकि रिकवरी रेट बढकर आज 93.5 हो गया। राज्य सरकार ने अब फैसला किया है कि कोविड संक्रमण को रोकने के लिए अगले माह से टीकाकरण के लक्ष्य को तीन गुना किया जाएगा।
पीक से नीचे आया कोरोना
उल्लेखनीय है कि 15 अप्रैल के आरम्भ तक कोरोना अपने पीक पर था। 10 अप्रैल को प्रदेश में 12787 नए कोरोना संक्रमित मिले थें जबकि 48 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद यह आंकडा लगातार बढ़ता ही गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम-9 की रणनीति के तहत कोरोना पर काबू पाने के हर संभव प्रयास किए गए। जिसका असर होता अब दिखने लगा है।