Coronavirus: यूपी में कोरोना का कहर हुआ कम, रिकवरी दर पहुंची 98.2 प्रतिशत

Coronavirus: पिछले 24 घंटों में प्रदेश में कोरोना के 339 नए मामले सामने आए हैं। यूपी में कोरोना से रिकवरी रेट 98.2 प्रतिशत है।

Reporter :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Shreya
Update: 2021-06-14 17:59 GMT

जांच कराती महिला (फोटो- न्यूजट्रैक)

Coronavirus: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि राज्य की बड़ी जनसंख्या को देखते हुए कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) के कार्य की गति को बढ़ाए जाने की जरूरत है। आगामी जुलाई से इसे बढ़ाकर 10 से 12 लाख डोज प्रतिदिन किया जाना चाहिए। भविष्य में भी कोविड वैक्सीनेशन कार्य व्यवस्थित, सुचारु और प्रभावी ढंग से संचालित हो, इसके लिए तैयारी पहले से ही योजनाबद्ध ढंग से कर ली जानी चाहिए।

आज 14 जून, से स्ट्रीट वेण्डर्स यथा, सब्जी, फल, दूध आदि विक्रेताओं, बस चालकों, कण्डक्टर्स, रिक्शा, ई-रिक्शा, थ्री व्हीलर चालकों आदि के कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान प्रारम्भ किया गया है।

यूपी में बीते 24 घंटे में सामने आए 339

दूसरी तरफ, पिछले 24 घंटों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 339 नये मामले (Corona New Cases) सामने आए हैं। इसी अवधि में 1,116 संक्रमित व्यक्तियों का सफल उपचार करके डिस्चार्ज किया गया है। इस समय एक्टिव मामलों (Corona Active Cases) की संख्या 8,111 है। कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर (Recovery Rate) 98.2 प्रतिशत है। राज्य में पिछले 24 घण्टों में 2,57,441 कोविड टेस्ट (Corona Test) किये गये हैं। राज्य में अब तक कुल 5 करोड़, 36 लाख, 02 हजार, 870 कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

CM ने की  कोरोना की स्थिति की समीक्षा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने के लिए पर्याप्त संख्या में वैक्सीनेशन सेंटर की स्थापना के साथ ही, वैक्सीनेटर्स का प्रशिक्षण कराया जाए। नए स्थापित किए जाने वाले वैक्सीनेशन सेंटर पर वेटिंग एरिया तथा ऑब्जरवेशन एरिया की व्यवस्था हो, जिससे कोरोना वैक्सीनेशन के लिए आने वाले लोगों को अधिक समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा और लाइन लगानी पड़े।

कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण बनाए रखने के लिए निगरानी समितियों द्वारा लक्षणयुक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जा रही है। बच्चों में वायरल बुखार आदि के उपचार के लिए मेडिसिन किट तैयार की जा रही है। इनका वितरण भी निगरानी समितियों के माध्यम से कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे निराश्रित बच्चों, जिनके माता-पिता अथवा विधिक अभिभावक का निधन कोरोना संक्रमण के कारण हो गया है, उनके पालन पोषण व शिक्षा-दीक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा 'उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' लागू की गई है। उन्होंने कहा कि खुले बोरवेल से मनुष्यों और पशुओं दोनों का जीवन संकट में पड़ जाता है। इसलिए अभियान चलाकर खुले बोरवेल को बन्द कराया जाए अथवा उन पर ढक्कन रखवाया जाए।

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