योगी सरकार के दावे गुल! नहीं रुक रहा रिश्वत का खेल

भ्रष्ट्राचार के मुद्दे पर केंद्र और राज्य की सरकार के तेवर कड़े हैं, लेकिन सरकारी तंत्र में ऊपर से लेकर नीचे तक बैठे लोगों को रिश्वत का ऐसा नशा लग चुका है कि उन्हें न इज़्ज़त की परवाह है न सरकार का खौफ़। बानगी के तौर पर ज़िला मुख्यालय ये 20 कि.मी. दूरी पर स्थित लम्भुआ तहसील के लेखपाल और

Update:2018-03-16 10:57 IST

सुल्तानपुर: भ्रष्ट्राचार के मुद्दे पर केंद्र और राज्य की सरकार के तेवर कड़े हैं, लेकिन सरकारी तंत्र में ऊपर से लेकर नीचे तक बैठे लोगों को रिश्वत का ऐसा नशा लग चुका है कि उन्हें न इज़्ज़त की परवाह है न सरकार का खौफ़। बानगी के तौर पर ज़िला मुख्यालय ये 20 कि.मी. दूरी पर स्थित लम्भुआ तहसील के लेखपाल और कानूनगो के अलग-अलग वायरल हुए वीडियो को ही ले लीजिये। जो ऊपर लिखी बातों की प्रमाणिकता के लिए काफी है।

लम्भुआ तहसील से जुड़ा है मामला

-आपको बता दें कि वायरल हुआ पहला वीडियो ज़िले की लम्भुआ तहसील के लेखपाल राम मनोरथ यादव का है, जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

-इस वीडियो में जनाब एक किसान से हिस्सा प्रमाणित करने के लिये रिश्वत ले रहे थे।

-सोशल मीडिया पर तेज़ी से इस वीडियो के वायरल होने पर भाजपा के कई नेताओं में खलबली मच गई थी, आनन-फानन में लम्भुआ, अर्जुनपुर व भदैया मण्डल के पदाधिकारियों ने इस मामलें में एसडीएम लम्भुआ डॉ रमेश चन्द्र शुक्ल से मुलाकात किया और लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग किया।

-एसडीएम ने फौरी तौर पर जांच कराकर लेखपाल राम मनोरथ यादव को निलंबित कर दिया।

अमलदरामद के लिये रजिस्ट्रार कानूनगो ने ली रिश्वत

-एसडीएम ने एक मामले में कार्रवाई करके विभाग समेत भाजपाईयों की लाज बचाई थी कि रिश्वत लेते हुए का इसी तहसील का और वीडियो फिर सोशल मीडिया पर वायरल होना शुरू हो गया।

-वायरल हुए इस दूसरे वीडियो में रजिस्ट्रार कानूनगो सन्तोष कुमार गुप्ता एक पट्टाधारक से तीन सौ रुपये रिश्वत लेते दिख रहे हैं।

-वो किसी पट्टा पत्रावली के अमलदरामद के लिये यह रिश्वत लिये जाने की बात करते सुने जा रहे हैं।

पुष्टि हुई तो निश्चित तौर पर रजिस्ट्रार कानूनगो के खिलाफ होगी कार्रवाई

-इस बाबत जब एसडीएम लम्भुआ डॉ रमेश चन्द्र शुक्ल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह के किसी वीडियो की जानकारी उन्हें नहीं है।

-मीडिया के माध्यम से बात संज्ञान में आई है, वीडियो मंगाकर देखेगें यदि पुष्टि हुई तो निश्चित तौर पर आरोपी रजिस्ट्रार कानूनगो के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

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