डेंगू मामले में राज्य सरकार के अफसरों से खफा कोर्ट, शिवरी प्लांट पर मांगी जांच रिपोर्ट
इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने डेंगू मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के अफसरों को फटकारा है। कोर्ट ने कहा कि डेंगू जैसी बीमारियों का सफाई के साथ चोली दामन का साथ है। इन बीमारियों से निपटने के लिए पहले साफ सफाई की पूरी व्यवस्था जरूरी है। इसी के मद्देनजर कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शिवरी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।
लखनऊ: इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने डेंगू मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के अफसरों को फटकारा है। कोर्ट ने कहा कि डेंगू जैसी बीमारियों का सफाई के साथ चोली दामन का साथ है। इन बीमारियों से निपटने के लिए पहले साफ सफाई की पूरी व्यवस्था जरूरी है। इसी के मद्देनजर कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शिवरी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।
इसके साथ ही यह भी बताने को कहा है कि क्या यह प्लांट सुचारू रूप से काम कर रहा है या नही। कोर्ट ने बोर्ड से इसे शीघ्र सुचारू रूप से चलाने के लिए उपाय भी पूछे हैं। मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी। यह आदेश जस्टिस ए पी साही और जस्टिस डी के उपाध्याय की बेंच ने डेंगू मामले में दायर कई जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया। याचिकाओं में राज्य सरकार पर डेंगू से निपटने के लिए कारगर प्रयास न करने का आरेाप लगाया गया है।
यह भी पढ़ें ... डेंगू रोकने में नाकाम शासन-प्रशासन को HC की खरी-खरी, कहा- तुमसे ना हो पाएगा
और क्या कहा कोर्ट ने ?
जस्टिस ए पी साही और जस्टिस डी के उपाध्याय की बेंच ने कहा कि डेंगू को महामारी घोषित करने संबंधी कैबिनेट के 8 नंवबर के निर्णय को ऑफिशियल गजट में प्रकाशित क्यों नही कराया गया। बेंच ने कहा कि नियमों के तहत जब तक इसका प्रकाशन नहीं होता तब तक जिम्मेदार अफसर डेंगू को महामारी मानकर आगे कार्यवाही नहीं कर सकते।
कोर्ट ने डेंगू रोकने में हीलाहवाली करने के जिम्मेदार अफसरों पर कठोर कार्यवाही न करने पर भी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि हम यह कहने को बाध्य हैं कि सरकार ने कोर्ट को लोक प्रशासन की कोर्ट बनाकर रख दिया है। कोर्ट ने कहा कि सरकारी अफसर अपना दायित्व निभाने में असफल रहे हैं।
सरकार की ओर से कोर्ट को अवगत कराया गया कि डेंगू मामले में लापरवाही बरतने वाले एक अफसर को निलंबित किया गया है। जबकि 67 एसीएमओ और 98 एमओ को शो कॉज नोटिस दिया गया है।