आबकारी इंस्पेक्टरों का तबादला रद्द करने पर सरकार की पुनर्विचार अर्जी खारिज

कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद तबादला आदेश रद्द कर दिया था। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल का कहना था कि याचियों का तबादला दण्डात्मक नहीं है, किन्तु कोर्ट ने उसे दण्डात्मक मानते हुए रद्द कर दिया है, पुनर्विचार किया जाए।

Update: 2019-02-08 14:25 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आबकारी विभाग कानपुर के इंस्पेक्टरों के तबादले को रद्द करने के फैसले पर राज्य सरकार की पुनर्विचार अर्जी खारिज कर दी है।

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यह आदेश न्यायमूर्ति बी.अमित स्थालेकर तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खण्डपीठ ने अविनाश कुमार पाण्डेय सहित 9 आबकारी निरीक्षकों की याचिका पर राज्य सरकार की अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया हैं मालूम हो कि कानपुर के सेक्टर-7 में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो गयी और भारी मात्रा में मिलावटी शराब की बरामदगी के बाद विभाग ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच बैठायी किन्तु घटना के लिए तैनात सभी अधिकारियों का तबादला कर दिया गया। जिसे अधिवक्ता विजय गौतम, कृष्ण जी शुक्ला के मार्फत याचिका में चुनौती दी गयी थी।

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कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद तबादला आदेश रद्द कर दिया था। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल का कहना था कि याचियों का तबादला दण्डात्मक नहीं है, किन्तु कोर्ट ने उसे दण्डात्मक मानते हुए रद्द कर दिया है, पुनर्विचार किया जाए। आबकारी निरीक्षकों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता शशिनंदन, कृष्ण जी शुक्ला व अन्य ने पक्ष रखा। कोर्ट ने राज्य सरकार की पुनर्विचार अर्जी को बलहीन मानते हुए अपने फैसले को बदलने से इंकार कर दिया और अर्जी खारिज कर दी।

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