फसलों का लगा अंबार, आंखों में आंसू लिए दर-दर भटक रहा किसान

धरती का भगवान हमारा अन्नदाता एक बार फिर संकट में है। पूरे साल की कड़ी मेहनत का उसे परिणम मिलने का समय आया। तब वह दर दर भटक रहा है। उसे अपने गेहूं का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है।

Update:2020-04-25 13:27 IST

लखनऊ। धरती का भगवान हमारा अन्नदाता एक बार फिर संकट में है। पूरे साल की कड़ी मेहनत का उसे परिणम मिलने का समय आया। तब वह दर दर भटक रहा है। उसे अपने गेहूं का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। राज्य सरकार के लाख दावों के बाद भी प्रदेश में विकय केन्द्र खाली पड़ें है।

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फसल को देखकर आंसू बहा रहा

घर पर रखी फसल को देखकर वह आंसू बहा रहा है। जबकि सरकार का दावा है कि गेहूं खरीद के लिए 5189 केन्द्र बनाए जा चुके हैं। 21 अप्रैल तक 103196 गेहूं की खरीद की जा चुकी है। पीलीभीत, आंवला, लखीमपुर, खीरी, बरेली बदायु समेत इस बेल्ट में भी गेहूं का अंबार लग चुका है।

किसानों को उम्मीद थी आने वाले समय में जब गेहूं की कटाई होगी तो उससे मिलने वाली रकम से उनकी बेटी की शादी होगी पर उसके सपने अबतकअधूरे ही है। क्योंकि गेहूं क्रय केंद्रों पर सन्नाटा है। खरीद भी बहुत कम।

सरकारी कर्मचारी नदारत है। उन्हें कम पैदावार के बीच वाजिब मूल्य का इंतजार है। न जाने लॉकडाउन कितना लंबा खिचे, इस कारण से अधिकांश छोटे और मझले किसान रिस्क नहीं उठाना चाहते। हालांकि बिचैलिए उनके घर तक दस्तक दे रहे हैं। तुरंत भुगतान देने को आतुर हैं, लेकिन इस बार उनकी भी दाल कम गल रही है।

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दस्तावेज बनवाने में काफी दिक्कत

कई जिलों में गेहूं का बाजार भाव मूल्य 1800 से 1850 रुपये प्रति क्विंटल है। जबकि सरकार ने गेहूं की अधिप्राप्ति के लिए 1925 रुपये प्रति क्विंटल का भाव तय किया है। किसानों को सहकारिता विभाग में केंद्रों के माध्यम से गेहूं बेचने के लिए कई प्रक्रिया से गुजरने के बाद कई दस्तावेज उपलब्ध कराना होगा।

इन दिनों लॉकडाउन के हालात हैं। लोग घरो से निकल नहीं पा रहे जिस कारण कई दस्तावेजों को बनाने में भी दिक्कत हो रही है। किसानों को दस्तावेज बनवाने में काफी दिक्कत हो रही है। इसी कारण उम्मीद जताई जा रही है कि किसान सरकार को देने के बजाय बाजार में ही गेहूं की बिक्री कर देंगे।

खास बात यह है कि यह हालात केवल यूपी तक ही सीमित नहीं है अन्य राज्यों राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश, समेत कई अन्य हिन्दी भाषी बेल्ट से भी ऐसे ही समाचार आ रहा हें।

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गेहूं की खरीद 15 मई तक

पूरे देश में कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने लॉक डाउन कर दिया है जिसके चलते गेहूं खरीद के विशेष इंतजाम किए गए हैं। अब इस साल का रबी सीजन आ चूका है और देश के कई राज्यों में गेहूँ की खरीद का कार्य भी शुरू हो चूका है।

उत्तरप्रदेश सरकार 15 अप्रैल से अपने राज्य के किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदने का कार्य शुरू कर चुकी है। उत्तर प्रदेश में गेहूं की खरीद 15 मई तक की जाएगी ।

राज्य के जो किसान भाई अपनी फसल को बेचना चाहते है तो वह खाद्य एवं रसद विभाग की ई क्रय प्रणाली की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर अपना पंजीकरण कर सकते है ।

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