एक महीने से जेल में हैं डीडीसीए महासचिव तिहारा, बोर्ड को भी नहीं थी जानकारी
दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के महासचिव विनोद तिहारा कथित रूप से ‘जीएसटी मानदंडों का पालन’ नहीं करने के कारण इन दिनों मेरठ जेल में हैं जबकि अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह कोविड-19 के लक्षण के कारण खुद को पृथक रखे हुए हैं।
मेरठ: दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के महासचिव विनोद तिहारा कथित रूप से ‘जीएसटी मानदंडों का पालन’ नहीं करने के कारण इन दिनों मेरठ जेल में हैं जबकि अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह कोविड-19 के लक्षण के कारण खुद को पृथक रखे हुए हैं। उनसे कोई भी संपर्क नहीं कर पा रहा था।
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जेल के अधीक्षक ने की बात की पुष्टि
मेरठ जेल के अधीक्षक डॉ. वीपी पाण्डेय ने विनोद तिहारा के मेरठ जेल में बंद होने की पुष्टि करते हुए कहा, ‘दिल्ली के रोहिणी निवासी विनोद तिहारा नाम के व्यक्ति को अपराध संख्या 2/20 धारा १३२,१३५ कस्टम एक्ट के तहत 17 मार्च को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की नोएडा शाखा द्वारा गिरफ्तार किया गया था और वह इस समय मेरठ जेल में हैं।’
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पिछले एक महीने से बंद है फोन
उधर दिल्ली से मिली जानकारी के अनुसार तिहाड़ा बीसीसीआई में दिल्ली क्रिकेट के प्रतिनिधि हैं और राज्य की क्रिकेट संस्था के प्रभावी अधिकारी हैं। मार्च के मध्य से ही उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है जिससे उनके गुट के सदस्यों सहित डीडीसीए अधिकारी घबराए हुए थे। डीडीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘काफी समय तो हमें लगा कि विनोद को कोविड-19 के लिये पॉजिटिव पाया जा चुका है। एक दो लोगों ने उनके परिवार के सदस्यों से संपर्क किया था तो उन्हें बताया गया कि वह अलग रह रहे हैं। उनका फोन पिछले एक महीने से बंद है।’
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पैसों की हेराफेरी को लेकर डीडीसीए के लोकपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दीपक वर्मा ने ऑनलाइन सुनवाई के दौरान संस्था के एक वकील और उनके करीबी ने शीर्ष परिषद के सदस्यों को बताया कि उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है।अधिकारी ने कहा, ‘हम सभी परेशान हो गए क्योंकि 15 मार्च तक हम सभी तिहाड़ा से अलग अलग जगहों पर मिले थे। हमने उन्हें कहा कि हमें इस बारे में सूचित क्यों नहीं किया गया क्योंकि हमें भी खुद को पृथक रखने की जरूरत थी।’ उन्होंने कहा, ‘तब उन्होंने कहा कि अगर आप लोग कोविड-19 पॉजिटिव होते तो तुम्हें अभी तक पता चल जाता। यह बहुत ही संदेह वाली बात थी।’ लॉकडाउन के कारण यह तो समझा जा सकता है कि उनकी जमानत की याचिका टाल दी गयी है।
रिपोर्ट: सुशील कुमार
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