नम हुई पूरे शहर की आंखें जब घर पहुंचा शहीद आयुष यादव का शव, गम में डूबा परिवार

जम्मू के कुपवाड़ा में शहीद हुए कैप्टन आयुष यादव का पार्थिव शरीर सुबह उनके आवास पर पंहुचा l जिस गली और जिस रास्ते से शहीद का करवा निकला लोग जुड़ते चले गए। 'कैप्टन आयुष अमर रहे'

Update:2017-04-29 10:51 IST

कानपुर : जम्मू के कुपवाड़ा में शहीद हुए कैप्टन आयुष यादव का पार्थिव शरीर आज (29 अप्रैल ) सुबह उनके आवास पर पंहुचा। जिस गली और जिस रास्ते से शहीद का करवा निकला लोग जुड़ते चले गए। 'कैप्टन आयुष अमर रहे' के नारों से पूरा कानपुर गूंज गया । लेकिन जैसे ही यह करवा उनके घर पंहुचा पूरी डिफेन्स कॉलोनी गम में डूब गई। ऐसा कोई शख्स नही जिसकी आँखों में आसू न हो ।वहीं आयुष की मां और पिता तो बदहवास हो गए। पिता बोले मैंने तो बेटे को जैसा भेजा मुझे वैसा ही बेटा चाहिए ।

सिद्धनाथ घाट में हुआ अंतिम संस्कार

-कैप्टन आयुष यादव का पार्थिव शरीर बीते शुक्रवार शाम एयर फ़ोर्स हास्पिटल आ गया था ।

-शनिवार सुबह आर्मी शहीद के शव को लेकर उनके आवास पहुंची।

- उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया और इसके बाद सिद्धनाथ घाट में अंतिम संस्कार किया गया ।

- कैप्टन आयुष यादव ने अपनी पढाई सेंट जोसफ स्कूल में की थी ,इस स्कूल के बच्चे और पूरा स्टाफ शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए पंहुचा।

- इस मौके पर स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर डोज़ जॉर्ज ने कहा कि हम सभी आयुष को श्रद्धांजलि देने के लिए आए है।

- हमने आयुष को पढ़ाया है। वो हमारे सामने बड़ा हुआ था वह बहुत ही जीनियस था ।

- जब आयुष कैप्टन बना था था तब मुझे बहुत ख़ुशी हुई थी ,वह देश के लिए शहीद हुआ है यह हमारे लिए गर्व की बात है।

-लेकिन कहीं न कहीं मै अंदर से बहुत दुखी हूँ। आयुष का पूरा परिवार असहनीय पीड़ा से गुजर रहा है।

आयुष यादव का जैसे ही शव घर पंहुचा, जिसको जहां जगह मिली वह खड़ा हो गया। सभी की आँखों से आसू निकलने लगे। सभी ने अपनी शॉप बंद कर दिए, आस पास के स्कूल बंद रहे। बस शहीद की शव यात्रा में शामिल होने के लिए निकल पड़े । डिफेन्स कॉलोनी में जब आयुष के शहीद होने की सूचना आई तब से इस कॉलोनी में किसी घर में चूल्हा नही जला है।

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