खत्म हुआ बेटी का इंतज़ार, मगर पापा की जगह आई डेड बॉडी, जवानों ने शहीद विजय को दी अंतिम विदाई
कश्मीर के गुरेज सेक्टर में हिमस्खलन में फंसे सेना के जवानों को बचाने गए कई जवान शहीद हो गए। उनमे से एक थे प्रतापगढ़ के राष्ट्रीय राइफल के हवलदार विजय शुक्ला। इस घटना को दस दिन बीत गए हैं।
प्रतापगढ़: कश्मीर के गुरेज सेक्टर में हिमस्खलन में फंसे सेना के जवानों को बचाने गए कई जवान शहीद हो गए। उनमे से एक थे प्रतापगढ़ के राष्ट्रीय राइफल के हवलदार विजय शुक्ला। इस घटना को दस दिन बीत गए हैं। और आज जाकर विजय की डेड बॉडी उसके घर पहुंची। विजय की डेड बॉडी देख पूरे घर में मातम का माहौल है।
गुमसुम हुआ घर, मुस्कराहट हुई मायूस
शहीद की मासूम बेटी यशी जो, हरपल शरारतों में लगी रहती थी। जिसके पांव के पायल की झुन-झुन और चहक से घर के कोने-कोने गूंजते रहते थे।अब अपनी माँ की ये हालत देख अंदाजा होने लगा है कि उसके पापा के साथ कोई अनहोनी हुई है। वो पापा को कई बार फोन कर चुकी है मगर कोई जवाब नही आया ।
विजय की पत्नी मनोरमा न कुछ बोल रही है, ना किसी की सुन रही है। उन्हें कुछ होश है। उन्हें अब भी विश्वास नही हो रहा कि उनके पति का शव आया ह। विजय के माता-पिता की आंखे पथरा गई है। आंखों के आंसू सूख चुके हैं।
सेना के जवानों ने दी अंतिम विदाई
-परिजनों के साथ पूरा इलाका अपने जांबाज लाल की एक झलक पाने और श्रद्धा सुमन अर्पित करने को बेताब थे ।
-घटना के दस दिन बाद गुरुवार सुबह शहीद विजय शुक्ला का पार्थिव शरीर घर पहुंचा।
-सेना के जवानों और प्रतापगढ़ के जिला अधिकारी समेत आला अधिकारियों की मौजूदगी में विजय शुक्ला के पैतृक गॉव में राजकीय सम्मान के साथ शहीद विजय शुक्ला को नम आँखों से अंतिम विदाई दी गयी।
-इस दौरान वहां उपस्थित सभी लोगो की आँखे नम हो गई थी।